121 सालों से जंजीरों में कैद है ये पेड़, नशे में धुत अंग्रेजी अफसर ने करवाया था गिरफ्तार

जब भी हम साल 1947 से पहले भारत का इतिहास देखते हैं तो हमारे सामने ऐसा चित्र बनता हैं जिसमें अंग्रेजों की गुलामी से आजाद होने के लिए भारतीय आवाज उठा रहे थे, अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. भारत को अंग्रेजों से आजाद कराने के लिए कई लोगों ने अपनी जान गंवाई, कई लोग खुशी खुशी फांसी के फंदे से लटक गए. अंग्रेजी प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाने की सजा भी लोगों को मिली. कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया. लेकिन क्या आपने कभी सुना हैं कि किसी पेड़ को गिरफ्तार किया गया है.
दरअसल, आजादी से पहले भारत के पेशावर में(आज पाकिस्तान में) आप जंजीरों में लिपटा एक बरगद का पेड़ देख सकते हैं जो आज भी मौजूद है. एक सनकी अग्रेंजी अफसर ने शराब के नशे में धुत्त होकर इस पेड़ को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था. यह मामला साल 1898 का हैं लेकिन इतने सालों के बाद भी आज तक यह पेड़ ऐसे ही जंजीरों में जकड़ा हुआ है.
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह स्थित लंडी कोटल आर्मी कैंटोनमेंट(तब भारत) में तैनात जेम्स स्क्विड नामक एक ब्रिटिश अफसर ने उस दिन जमकर शराब पी रखी थी. नशे में धुत होकर वह पार्क में घूम रहा था. अचानक अधिकारी को लगा कि पेड़ उसके सामने से भाग रहा है. उन्होंने तुरंत मैस के सार्जेंट को ऑर्डर दिए कि पेड़ को तुरंत अरेस्ट कर लिया जाए. इसके बाद वहां तैनात सिपाहियों ने पेड़ को जंजीरों में जकड़ दिया.
भारत आजाद हुआ और पाकिस्तान के रूप में एक नया देश भी बना. लेकिन आज तक इस पेड़ को जंजीरोंं से मुक्त नहीं किया गया है. दरअसल, पाकिस्तान के स्थानिय निवासियों का मानना है कि यह पेड़ अंग्रेजों के जुल्म का एक नमूना है. इसे देखकर लोगों को इस बात का अंदाजा होगा कि आखिर किस तरह अंग्रेज हम लोगों पर जुल्म किया करते थे.
आज यह पेड़ पर्यटकों के आकर्षण केंद्र बन गया है. इस पेड़ पर एक तख्ती लगी हैं जिस पर लिखा है,'मुझे गिरफ्तार किया गया हैै' एक शाम शराब में धुत एक ब्रिटिश अधिकारी ने सोचा कि मैं अपने मूल स्थान से भाग रहा हूं जिसके कारण उसने मेस सार्जेंट को मुझे गिरफ्तार करने का आदेश दिया. तब से मैं गिरफ्त में हूं '
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First published: 4 December 2019, 20:42 IST