यहां मां अपने बच्चे को डरावनी कहानियां सुलाने के लिए नहीं बल्कि इसलिए सुनाती है

हर देश में बच्चों को कहानियां सुनाने के पीछे अलग-अलग वजह होती है. हमारे देश में छोटे बच्चों को ड़रावनी कहानियां सिर्फ इसलिए सुनाई जाती हैं कि वो समय पर सो जाएं. लेकिन जापान की महिलाएं अपने बच्चों को सुलाने के लिए नहीं बल्कि उनका पेट छिपाकर रखने के लिए ऐसी कहानियां सुनाती है. इस तरह की कहानियां सुनाने से बच्चों से कुछ भी मनवा लेना आसान होता है.
जापान में बच्चों को पेट छिपाकर रखने यानी पूरे कपड़े पहनने के लिए डरावनी कहानियां सुनाई जाती है. दरअसल, छोटे बच्चे संक्रमण या बीमारी की चपेट में जल्दी आते हैं, इसलिए जापान में मां या दादी बच्चों को 'कामीनारा-सामा' के बारे में बताती हैं. सिर्फ इतना ही नहीं, बिजली चमकने या तेज हवाएं चलने पर भी यहां के बच्चों अपना पेट छिपाने लगते हैं.
कहानियों में मां या दादी बच्चे से ये कहती हैं कि वह अगर अपना पेट नहीं छिपाएंगे तो 'राइजिन' जिसे बिजली और तूफान का भगवान कहा जाता है उनका पेट खा जाएगा. बता दें कि इससे बच्चे डरते हैं और मां की बात भी मान लेते हैं. साथ ही मां के कहे अनुसार कपड़े पहनते हैं और अपना ध्यान रखते हैं.
जापानी लोग का कहना है कि बच्चे समझते नहीं हैं कि अपना ध्यान न रखने पर उन्हें बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए उन्हें ऐसा कहा जाता है. बता दें कि जापान के स्कूलों में शिक्षक भी बच्चों को कुछ इसी तरह की कहानियां सुनाते हैं, ताकि वह अपने मां-बाप से दूर भी स्वस्थ और सुरक्षित रहें. जापानी लोग अपने बच्चों को 'हारामकी' पहनाकर रखते हैं. वह कहते हैं कि ज्यादातर बीमारियां पेट से संबंधित होती हैं, इसलिए मजाक में या ऐसी कहानी सुनाकर वह बच्चों को मना लेते हैं
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First published: 18 June 2018, 15:00 IST