तोते का हुआ अंतिम संस्कार, मालिक ने कार्ड छपवाकर तेरहवीं में कराया भोज

पशु-पक्षियों से प्रेम करने की कहानियां आपने बहुत सुनी होंगी. लेकिन कभी किसी पक्षी के अंतिम संस्कार के बाद तेरहवीं की खबरें आपने नहीं सुनी होंगी. लेकिन अमरोहा में एक व्यक्ति ने अपने प्रिय तोते का अंतिम संस्कार कर तेरहवीं कर पक्षी प्रेम की मिसाल कायम की है. तोते की तेरहवीं भोज में तमाम रिश्तेदार और आसपास के लोग शामिल हुए. इसके बाद से इस व्यक्ति की चारों ओर चर्चा हो रही है.
दरअसल, अमरोहा के हसनपुर गांव में पंकज कुमार मित्तल रहते हैं. पंकज पेशे से शिक्षक हैं. पंकज के मुताबिक उन्होंने साल 2013 में एक तोते को चील के चंगुल से बचाया था. इसके बाद पंकज ने घायल पड़े तोते का इलाज करा कर उसकी जिंदगी बचाई थी. पंकज इस तोते को अपने बेटे से भी ज्यादा प्यार करते थे.

उसके बाद ये तोता पंकज के परिवार का हिस्सा बन गया. पंकज के मुताबिक जब वे स्कूल से आते तो मिठ्ठू उनके पैरों में लौटने लगता. सुबह जब अखबार पड़ते तो मिठ्ठू भी अखबार को गौर से देखता. ऐसा लगता जैसे कि वह भी अखबार पढ़ रहा है.
5 मार्च की सुबह अचानक उसकी मौत हो गई. तोते की मौत से परिवार शोक में डूब गया. पंकज ने तोते का हिन्दू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया. अंतिम संस्कार के लिए तोते के शव को पुष्पांजलि घाट पर गंगा में विसर्जित किया गया.

उसके बाद पंकज ने अपने तोते की तेरहवीं करने के लिए वकायदा कार्ड छपवाए. इन कार्ड से पंकज ने अपने रिश्तेदारों और मित्रों को तेरहवीं का निमंत्रण भेजा. बीते रविवार को पंकज के घर उनके प्रिय तोते मिट्ठू की तेहरवीं पर पहले हवन किया गया. मित्तल परिवार उनके रिश्तेदार और मोहल्ले के लोगों ने हवन यज्ञ में आहुति दी. इसके बाद भोज हुआ.
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First published: 12 March 2018, 12:50 IST