अविवाहित बेटे की मौत के दो साल बाद जुड़वा बच्चों की दादी बनी यह महिला

जवान बेटे के चले जाने का दर्द क्या होता है यह कोई पुणे की राजश्री पाटिल से पूछे. हालांकि अविवाहित बेटे की मौत के दो साल बाद उसके जुड़वा बच्चों की दादी बनकर राजश्री, उसकी नामौजूदगी के गम को भुलाने की वजह पा चुकी हैं. हालांकि दर्द भरी इस कहानी में आए दिलचस्प मोड़ की वजह विज्ञान बना है.
पुणे की 48 वर्षीय राजश्री पाटिल के मुताबिक वो अपने बेटे से बहुत प्यार करती थीं. उसका नाम प्रथमेश था और वो पढ़ाई में अव्वल रहता था. भारत में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद 2010 में प्रथमेश इंजीनियरिंग में मास्टर्स करने के लिए जर्मनी गया, जहां पर पता चला कि उसे ब्रेन कैंसर है और यह चौथे चरण में पहुंच चुका है.
इस खबर को सुनकर परिवार सन्न रह गया और उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. जर्मनी में डॉक्टरों ने प्रथमेश की कीमोथेरेपी शुरू करने से पहले उसे इसकी प्रक्रिया और रेडिएशन के प्रभावों की जानकारी दी. डॉक्टरों ने प्रथमेश से अपने 'शुक्राणु' संरक्षित (स्पर्म प्रिजर्वेशन) करने के लिए कहा ताकि इलाज के बाद शरीर के नकारात्मक प्रभाव शुक्राणुओं में न पहुंच जाएं.
#ExpressFrontPage Pune woman loses son to cancer, his twins are born to a surrogate mother https://t.co/1KChbvNyYs
— The Indian Express (@IndianExpress) February 15, 2018
प्रथमेश ने ऐसा ही किया और अपने शुक्राणु, सीमेन क्रियोप्रिजर्व्ड करवाकर स्पर्म बैंक में रखवा दिए. इसके बाद कैंसर के चलते प्रथमेश की आंखों की रोशनी चली गई और 2013 में उसका परिवार उसे भारत ले आया. सितंबर 2016 में ब्रेन ट्यूमर की वजह से प्रथमेश की जान चली गई.
प्रथमेश की मौत के बाद उसकी मां अपने बेटे को वापस लाने के प्रयास में जुट गई और फिर उन्होंने जर्मनी के स्पर्म बैंक से संपर्क किया और सभी औपचारिकताएं पूरी करके वहां से क्रियो-प्रिजर्व्ड सीमेन भारत मंगाए. इसके बाद उन्होंने आईवीएफ अस्पताल में संपर्क किया और अस्पताल की सलाह पर एक सरोगेट मदर की तलाश की.
बस फिर क्या था अब 12 फरवरी को राजश्री दो बच्चों की दादी बन गईं. सरोगेट मदर से दो जुड़वा बच्चे हुए जिनमें एक लड़का और एक लड़की है. हालांकि रिश्ते में तो राजश्री इन बच्चों की दादी लगती हैं, लेकिन जब भी कोई उन्हें दादी कहता है तो वो उसे तुरंत टोकते हुए कहती हैं कि वे इन बच्चों की मां हैं.
First published: 15 February 2018, 16:49 IST