सूर्य ग्रहण के दौरान दिव्यांग बच्चों को गले तक जमीन में दफनाया

अगर किसी व्यक्ति पर अंधविश्वास हावी हो जाए तो ऐसे में वह व्यक्ति सही या गलता का फर्क भूल जाता है, यह कहना गलत नहीं होगा. कर्नाटक में अंधविश्वास में तीन दिव्यांग बच्चों को सूर्य ग्रहण के दौरान जमीन में दफनाने की खबर हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक के कालाबुरागी ताजसुल्तानपुर गांव में सूर्यग्रहण के दौरान तीन दिव्यांग बच्चों को जमीन में गर्दन तक दफनाया गया. खबरों के अनुसार, बच्चे करीब दो घंटे से अधिक समय तक ऐसे ही गड्ढे में रहे.
रिपोर्ट के मुताबिक, जिन तीन बच्चों को दफनाया गया वो तीनों लड़कियां हैं जब सूर्य ग्रहण समाप्त हुआ तभी इन बच्चों को जमीने से निकाला गया. गौरतलब हो, सुबह आठ बजे से 11.05 बजे तक राज्य में सूर्य ग्रहण देखा गया था. बच्चों के माता पिता का मानना था कि ऐसा करने से उनके बच्चे विकृति से ठीक हो जाएंगे. हालांकि जैसे ही गांव की जनवादी महिला संगठन की एक कार्यकत्ता को इस बाबत जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत संबंधित अधिकारियों को इसकी सूचना दी.
Karnataka: Three specially-abled children were buried up till the neck at Tajsultanpur village in Kalaburagi, during #SolarEclipse, earlier today as parents believed that their children will be cured of deformities by this. pic.twitter.com/8JncLKk4Xl
— ANI (@ANI) December 26, 2019
जैसे ही यह खबर कालाबुरागी के उपायुक्त बी शरथ के पास पहुंची, उन्होंने तहसीलदार को मौके पर भेजा और उन बच्चे को बचाया. इसके बाद इन बच्चों को जिला अस्पताल भेजा गया. वहीं बच्चों के माता-पिता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. मीडिया रिपोर्ट की माने तो कालाबुरागी के ही ऐनोली गांव से चार बच्चों को दफनाने का एक और मामला आया है.
कालाबुरागी के उपायुक्त ने कहा कि उन्होंने पुलिस से इस मामले में पूछताछ करने को कहा है. उन्होंने साथ ही कहा है कि जिला प्रशासन ने समाज में व्याप्त कुरीतियों को मिटाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है. बता दें, बीते एक दशक से इस तरह की प्रथाएं हैं जहां कालाबुरागी में दरगा क्षेत्र में प्रबल थीं और पुलिस की सख्ती के बाद ही उन्हें रोका गया था. लेकिन समय के साथ ये कुरूतिया अगल अगल इलाकों में फैलती चली गई.
First published: 26 December 2019, 17:33 IST