महिलाओं की दिलचस्पी विज्ञान में पुरुषों के मुकाबले होती है कम : शोध

एक नए शोध में ये बात सामने आयी है कि महिलाओं और पुरूषों में ‘‘वैज्ञानिक योग्यताएं’’ समान होने के बावजूद महिलाओं की विज्ञान में दिलचस्पी कम होती है.जर्मन शोधार्थी क्रिस्टियेन नसलीन वोलार्ड अपने शोध में इस निष्कर्ष तक पहुंची हैं. वोलार्ड को वर्ष 1995 में फिजियोलॉजी में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.
वह गोवा में चल रहे तीन दिवसीय ‘‘नोबेल सीरीज’’ में वोलार्ड शिक्षकों, विद्यार्थियों और शोधार्थियों को संबोधित कर रही थीं ‘‘नोबेल सीरीज’’ का आयोजन नोबेल मीडिया एवं गोवा सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने किया है.
वोलार्ड ने कहा ‘‘यह चलन है कि महिलाओं की तुलना में पुरूष ही अक्सर बड़े पेशे चुनते हैं। मुझे बेहतर शोध का अवसर मिला जहां बाकी सहयोगी पुरूष ही थे.’’
उन्होंने कहा ‘‘महिलाओं को विज्ञान के क्षेत्र में बेहतर करने का अवसर पहले मिलना चाहिए और जब आप ऐसा करते हैं तो आपको भी नोबेल पुरस्कार मिल सकता है. लेकिन यहां पुरूषों और महिलाओं में मूलभूत अंतर नहीं होने के बावजूद इस क्षेत्र को चुनने वाली महिलाओं की संख्या कम ही है.’’
75 वर्षीय वैज्ञानिक वोलार्ड से पूछा गया था कि अब तक यह प्रतिष्ठित पुरस्कार पाने वाली महिला वैज्ञानिकों की संख्या इतनी कम क्यों है.
वोलार्ड को भ्रूणीय विकास के गुणसूत्रीय नियंत्रण पर उनके शोध के लिए एरिक वीजशाओज तथा एडवर्ड बी लेविस के साथ फिजियोलॉजी में संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. बहरहाल, वोलार्ड ने अनुसंधान के क्षेत्र में भारतीय महिलाओं को लेकर आशावादी दृष्टिकोण जाहिर किया.
First published: 2 February 2018, 17:49 IST