'मुझे 8 साल बाद समझ आया था मैं असफल अभिनेत्री हूं'

बाॅलीवड में बतौर अभिनेत्री एंट्री के बाद अलविदा कहकर सफल लेखिका और फिल्म निर्माता बनने वाली ट्विंकल खन्ना ने खुद के बारे में हाल ही में आयोजित एक प्रोग्राम में खुलकर बातचीत की.
उन्होंने कहा की बतौर एक्ट्रेस वो असफल रहीं हैं. साथ ही उन्होंने कहा अगर आप अपनी सफलता को सिर पर नहीं चढ़ाते हैं और उसे सीरियस नहीं लेते तो उसका असर आप पर कम होता है. आप आसानी से उसका सामना कर सकते हैं.
बेशक ट्विंकल खन्ना ने अपने एक्टिंग करियर में कोर्इ खास मुकाम अपने पिता राजेश खन्ना आैर मां डिंपल कपाड़िया की तरह नहीं बनाया है. मगर 'मिसेज फनीबोंस' से उन्होंने खुद को बतौर लेखिका स्थापित कर दिखाया है. ट्विंकल गुरुवार को सर्फ एक्सेल के हालिया अभियान 'हार को हराओ' की पैनल में पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी सौरव गांगुली, बैडमिंटन कोच पी. गोपीचंद सहित कई शख्सियतों संग शामिल हुईं थीं.
ट्विंकल ने जिंदगी में मिलने वाली सक्सेस के बारे में बात करते हुए अपने बचपन के कर्इ अनुभव साझा किए. उन्होंने बताया "मैं एक दिन जब अपने एग्जाम रिजल्ट के साथ अपनी मां के पास गई और कहा देखिए मैंने मैथ में 97 नंबर हासिल किए हैं तो उन्होंने कहा कि वह मेरे वजन के साथ मेल खा रहे हैं." अपने जीवन के ऐसे कई किस्सों को सुनाते हुए ट्विंकल ने कहा कि उन्होंने अपनी मां से कहा था, 'ऐसी मां होने का क्या मतलब है.'
अागे इसी पर बात करते हुए उन्होंने कहा, "साल बीतने के साथ मैंने पाया कि उनकी मेरी परवरिश के दौरान इस अजीब विचारधारा अपनाने के पीछे का क्या कारण था. वह यह था कि अगर आप अपनी सफलता को बहुत सीरियस नहीं लेते हैं तो आपके लिए असफलता की हार को झेलना आसान होता है."
ट्विंकल ने बताया कि जब वो 12वीं में थी तो चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहती थी. लेकिन, मेरे पैरेंट्स अभिनय जगत में थे लिहाजा वो चाहते थे कि मैं भी उनकी तरह इस क्षेत्र में कदम रखूं. मैंने ठीक वैसा ही किया लेकिन 8 साल बाद मैं समझ सकी कि मैं एक अभिनेत्री के रूप में असफल रही हूं." उन्होंने आगे कहा, "यह बहुत निराशाजनक था, लेकिन मैं टूटी नहीं, मैं आगे बढ़ी और आज मैं यहां हूं."