भारत के कदम से प्रेरित होकर अब इस देश में चल रही है नोटबंदी की तैयारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत में नोटबंदी की घोषणा के 20 महीने बाद भी इस पर चर्चा जारी है. अब इसी तरह का कदम उठाने को लेकर ऑस्ट्रेलिया बहस की जा रही है. वहां इस बात पर बहस है कि क्या 100 डॉलर नोट स्क्रैप किया जाये या नहीं. राजस्व और वित्तीय सेवा मंत्री केली ओ'डवियर ने इसके लिए एक समिति तैयार की है.
दिलचस्प बात यह है कि 16 दिसंबर को एबीसी रेडियो से बात करते हुए उन्होंने नोट्स को बंद करने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि नकदी के साथ कुछ भी गलत नहीं है, बल्कि मुद्दा यह है कि जब लोग कमाई को घोषित नहीं करते हैं और टैक्स जमा नहीं करते हैं.
टैक्स चोरी के संबंध में चिंताओं के अलावा देश के विशेषज्ञों का कहना है 100 डॉलर का नोट बंद करने से नशीली दवाओं के निपटारे और मानव तस्करी को रोकने में भी मदद मिलेगी. भारत के नोटबंदी के कदम के बाद यूबीएस की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अर्थव्यवस्था और बैंकों के लिए भी इसी तरह का कदम बैंक के लिए अच्छा होगा और डिजिटल लेनदेन के बढ़ते स्तर को बढ़ाएगा."
यूबीएस ने पाया था कि इससे बैंकों की जमापूंजी में वृद्धि होगी. अगर सभी 100 डॉलर नोट बैंकों में जमा किए जाते हैं तो घरेलू जमा पूँजी में 4% तक की बढ़ोतरी होगी. दिलचस्प बात यह है कि ऑस्ट्रेलिया के रिज़र्व बैंक के अनुमानों के मुताबिक देश में 35 बिलियन अमरीकी डालर के 100 डॉलर नोट्स सर्कुलेशन में हैं. ऑस्ट्रेलियाई 100 डॉलर मुद्रा नोट को खत्म करने पर पूरी बहस ब्लैक इकॉनमी को रोकने के लिए है.
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First published: 13 August 2018, 17:22 IST