आखिर एयर इंडिया के 250 अरब से ज्यादा कीमत वाले विमान जमीन पर क्यों खड़े हैं ?

फंड की कमी कारण भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया में वेतन भुगतान न करने के कारण जहां समस्याएं पैदा हो रही हैं वहीं इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (आईसीपीए) ने विमानोँ के मेंटिनेंस में समस्या होने की बात कही है. एयर इंडिया के मौजूदा बेड़े का 23 प्रतिशत हिस्सा खराब रखरखाव के कारण काम पर है. आईसीपीए के अध्यक्ष दीपंकर गुप्ता द्वारा एयरलाइन के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) प्रदीप सिंह खरोला को एक पत्र लिखा है.
पत्र में कहा गया है कि 20 में से आठ ए 321 विमान जमीन पर खड़े हैं. इसका मतलब है कि बेड़े का 40 प्रतिशत वर्तमान में काम करने में असमर्थ है. 22 ए 319 विमानों में से चार ऑपरेटिंग नहीं कर रहे हैं. जबकि ए 320 बेड़े बेहतर हैं क्योंकि वे अभी नए हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार 30000 करोड़ रुपये के लोन को राइट ऑफ करने यानी बट्टे खाते में डाल सकती है. इसके अलावा कंपनी में दस से ग्यारह हजार करोड़ रुपये लगाए जा सकते हैं.
Indian Commercial Pilots Association (ICPA) writes to Air India raising concerns over the lack of maintenance of aircraft operated by Air India pic.twitter.com/a7fVP34aqg
— ANI (@ANI) August 13, 2018
बोइंग बड़ा भी पूरी तरह कार्यात्मक नहीं है. 15 बी 777-300 विमानों में से पांच (बेड़े का 33%) उड़ नहीं पा रहे हैं. बी 787 बेड़े में चीजें थोड़ा बेहतर हैं, जहां केवल 26 विमानों में से दो परिचालन में नहीं हैं.
आईसीपीए के अनुसार 3.6 अरब डॉलर (250 अरब रुपये) के कीमत के विमान खराब रखरखाव और प्रबंधन के कारण काम में नहीं नहीं हैं हैं. उपलब्ध बेड़े का पच्चीस प्रतिशत उद्योग मानक से काफी अधिक है. आमतौर पर किसी भी अच्छी एयरलाइन के बेड़े का 95 प्रतिशत किसी भी समय उपलब्ध होना चाहिए. एयरलाइन के सूत्रों के अनुसार स्पाइसजेट की बेड़े की उपलब्धता वित्त वर्ष 18 के लिए 99.7 प्रतिशत थी.
सूत्रों का कहना है कि एयरलाइन में पायलटों और प्रबंधन के बीच संबंध एक नए स्तर पर पहुंच गए हैं. अगस्त में पांचवें महीने में जब कर्मचारियों के वेतन में देरी हुई थी. अब अधिकांश पायलटों ने निपटारे की मांग छोड़ दी है.
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First published: 13 August 2018, 13:11 IST