एजीआर पर SC के फैसले के खिलाफ Airtel और Vodafone Idea ने दायर की रिव्यू पिटीशन

भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने शुक्रवार को एजीआर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट (SC) के 24 अक्टूबर के अपने फैसले की समीक्षा के लिए एक याचिका दायर की है. इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा की गई मांग के आधार पर 92,000 करोड़ से अधिक का भुगतान करने का आदेश दिया था. SC ने कंपनियों को फैसले के तीन महीने के भीतर भुगतान करने को कहा था. DoT ने एक हफ्ते पहले ही इन कंपनियों को मांग पत्र जारी किए थे.
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद टेलीकॉम कंपनियों भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने 1 दिसंबर से टैरिफ बढ़ाने का फैसला किया. कंपनियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एजीआर पर फैसले के बाद टेलीकॉम कंपनियों को बड़ा घाटा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद वोडाफोन आइडिया ने सितंबर तिमाही में 50,921 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड घाटा दर्ज किया था, जो कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घाटा था.
एजीआर प्रोविजनिंग के कारण भारती एयरटेल को भी 23,045 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था.
क्या है AGR, जिस पर SC के फैसले से Vodafone को हुआ 50,921 करोड़ का घाटा
AGR क्या है?
एडजेस्ट ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा दूरसंचार ऑपरेटरों से लिए जाने वाला चार्ज है. एजीआर में अबतक लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम फीस ली जाती थी. डिपार्टमेंट ऑफ़ टेली कम्यूनिकेशन (DoT) का मानना है कि AGR की गणना एक टेलीकॉम कंपनी द्वारा अर्जित सभी राजस्व के आधार पर की जानी चाहिए. जिसमें जमा ब्याज, हैंडसेट की बिक्री और संपत्ति की बिक्री शामिल है.
स्मार्ट सिटी मिशन: अभी 25 फीसदी प्रोजेक्ट हुए कम्पलीट, इतना किया गया भुगतान
First published: 22 November 2019, 17:11 IST