लॉकडाउन में EMI भरने वालों को बैंक दे रहे हैं कैशबैक, जानिए किसे मिलेगा लाभ

कोरोना वायरस लॉकडाउन (1 मार्च से 31 अगस्त) के बीच जिन लोगों ने अपनी EMI लगातार जमा की औरऔर लोन मोरेटोरियम स्कीम (Loan Moratorium Scheme) का नहीं लिया, उनके अकाउंट में बैंकों ने कैशबैक (Cash Back) की रकम ट्रांसफर करनी शुरू कर दी है. साथ ही जिन लोगों ने लोन मोरेटोरियम का फायदा उठाया, बैंकों ने लोन मोरेटोरियम पीरियड के दौरान टाली गई किस्तों पर वसूले गए ब्याज पर ब्याज की रकम को भी कर्जदारों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करना शुरू कर दिया है.
देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने कर्जदारों के खातों में ब्याज पर ब्याज की रकम को ट्रांसफर कर दिया है. बैंक इसके लिए अपने ग्राहकों को SMS भेज रहा है. यही नहीं अन्य बैंकों ने आज से कैशबैक की राशि बैंक खातों में डालनी शुरू कर दी है. 2 करोड़ रुपये से कम लोन लेने वाले लोगों को इसका लाभ मिलेगा.
सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद केंद्र सरकार ने लोन मोरेटोरियम की अवधि के दौरान लगाए गए ब्याज के अंतर को लौटाए जाने को मंजूरी दी थी. RBI ने बैंकों को निर्देश दिया था कि 2 करोड़ रुपए तक का लोन लेने वाले और लॉकडाउन के दौरान वक्त से EMI चुकाने वालों को 5 नवंबर से कैशबैक का लाभ दिया जाये.
RBI ने कोरोना वायरस महामारी के संकट के दौरान मार्च 2020 में कर्जदारों को लोन या क्रेडिट कार्ड बकाया की EMI 3 महीने तक नहीं चुकाने की छूट दी थी. बाद में इस अवधि को 31 अगस्त 2020 तक कर दिया गया था.
कई लोगों ने लोन मोरेटोरियम की इस अवधि के दौरान भी नियमित रूप से अपनी किस्तें चुकाई, अब ऐसे लोगों को बैंकों ने कैशबैक मिलना शुरू हो गया है. वित्त मंत्रालय के मुताबिक ब्याज माफी योजना से केंद्र सरकार पर करीब 7,000 करोड़ रुपए का बोझ पड़ने की संभावना है.
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