Make in India में कितनी नौकरियां मिली, सरकार के पास इसके कोई आंकड़े नहीं

केंद्र की मोदी सरकार का हमेशा दावा रहा है कि 'मेक इन इंडिया' अभियान का सबसे बड़ा लक्ष्य देश के युवाओं को रोजगार देना भी है, लेकिन आप शायद इस बात से हैरान हो सकते हैं कि सरकार मेक इन इंडिया के तहत मिले रोजगार का कोई डाटा नहीं रखती है. यह बात किसी और ने नहीं बल्कि वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सी आर चौधरी ने लोकसभा के एक लिखित उत्तर में कही. उन्होंने कहा कि "ऐसा कोई आंकड़ा केंद्रीय रूप से रखा नहीं जाता है."
वह सितंबर 2014 में 'मेक इन इंडिया' पहल की शुरुआत के बाद से दी गई नई नौकरियों के विवरण पर एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे. मोदी सरकार ने भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए मेक इन इंडिया की पहल शुरू की गई थी.
उन्होंने कहा कि सरकार ने 2014 से देश में विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं जिनमें गुणवत्ता वाला बुनियादी ढांचा प्रदान करना, लॉजिस्टिक लागत को कम करना, कौशल विकास और प्रौद्योगिकी को अपनाना शामिल है. उन्होंने कहा कि पहल अब 27 क्षेत्रों के मुकाबले 25 क्षेत्रों पर केंद्रित है.
औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग 15 विनिर्माण क्षेत्रों के लिए कार्य योजनाओं का समन्वय करता है, जबकि वाणिज्य विभाग 12 सेवा क्षेत्रों का समन्वय करता है.
27 क्षेत्रों की नई संशोधित सूची में एयरोस्पेस और रक्षा, मोटर वाहन और ऑटो कंपोनेंट्स, फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा उपकरण, जैव प्रौद्योगिकी और कानूनी सेवाएं शामिल हैं.
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First published: 30 July 2018, 17:08 IST