Inside story: बैंकों में कैश की कमी किस बात की आहट है ?

देश के कई हिस्सों से नकदी की कमी की ख़बरों के बीच सरकार ने मंगलवार को कहा कि सर्कुलेशन में पर्याप्त कैश है और वह कुछ जगहों पर कैश की अस्थायी को देख रहा है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्विटर पर लिखा है कि कुछ जगहों पर अचानक और कैश में कमी आयी है, जिसे जल्द ठीक कर लिया जायेगा. पिछले हफ्ते बिहार सहित अन्य राज्यों में एटीएम में कैश की कमी देखी गई थी.
हालांकि बैंकों में कैश की कमी का खुलासा बीते मार्च में एसबीआई ने अपनी एक रिपोर्ट में किया था. एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पिछले दो महीनों में करेंसी सर्कुलेशन में जोरदार इजाफा हो रहा है. लोग बड़ी मात्रा में बैंकों से पैसे निकाल रहे हैं. यही कारण था कि एसबीआई, पीएनबी, आईसीआईसीआई जैसे बैंकों ने कर्ज महंगा कर दिया था.
क्या चुनाव आते की कालाधन जमा होने लगा है.
एक सवाल के जवाब में आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष गर्ग ने माना कि 2000 रुपये के नोटों में भारी कमी आई है. हालांकि उन्होंने काला धन जमा होने की आशंका को खारिज कर दिया. गर्ग ने बताया कि 'अभी सिस्टम में 2000 रुपये के 6 लाख 70 हजार करोड़ रुपये मूल्य के नोट हैं.
गर्ग ने माना कि 2000 रुपये के नोट सर्कुलेशन में घटे हैं लेकिन इसकी कोई जांच नहीं की गई है. एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया था कि जनवरी में करेंसी सर्कुलेशन 45 हजार करोड़ रुपए बढ़ गया. जबकि फरवरी में यह बढ़कर 51 हजार करोड़ रुपए हो गया. औसतन करंसी सर्कुलेशन इन दो महीने में 10 हजार करोड़ रुपए से लेकर 20 हजार करोड़ रुपए तक बढ़ता सकता है.
रिपोर्ट में कहा गया था कि आने वाले समय में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, कर्नाटक जैसे राज्यों में चुनाव के कारण सर्कुलेशन के और बढ़ने की संभावना है. बैंक अपने डिपॉजिट को रोकने के लिए डिपॉजिट रेट बढ़ा सकते हैं और लोन, ईएमआई पर भी इसका असर पड़ेगा.
Have reviewed the currency situation in the country. Over all there is more than adequate currency in circulation and also available with the Banks. The temporary shortage caused by ‘sudden and unusual increase’ in some areas is being tackled quickly.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) April 17, 2018
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा संकलित आंकड़ों के मुताबिक, 23 फरवरी को कुल 17.82 लाख करोड़ रुपये की करेंसी सर्कुलेशन में थी, जो नवंबर लागू की गई नोटबंदी से पहले 17.97 लाख करोड़ थी जो वर्तमान सर्कुलेशन नोटबंदी से पहले का 99.17% है.
एक अनुमान के मुताबिक कुल एटीएम के अनुमानित 10-12 फीसदी एटीएम नकदी की कमी का सामना कर रहे हैं. हालांकि सरकार का अनुमान है कि अगले एक सप्ताह में स्थिति सामान्य हो जाएगी. एक बयान में सरकार ने कहा कि पिछले तीन महीनों में विशेष रूप से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और बिहार राज्यों में कैश की मांग में असाधारण तेजी आयी है.
सरकार की ओर से कहा गया है कि देशभर में हर महीने 20 हजार करोड़ रुपये के नोटों की सामान्य मांग रहती है, लेकिन पिछले कुछ दिनों में कुछ इलाकों में नोटों की मांग बढ़ी है. इस महीने के 12-13 दिनों में ही 45 हजार करोड़ करंसी की खपत हो चुकी है.'
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First published: 17 April 2018, 16:09 IST