तेल का खेल : इंटरनेशनल बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आयी गिरावट, मिल सकती है राहत

शुक्रवार को इंटरनेशनल बाजार ने कच्चे तेल की कीमतों ने बड़ी राहत दी. करीब 20 फीसदी महंगा होने के बाद शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमत 78 डॉलर प्रति बैरल से नीचे गिर गई. इससे पहले कच्चा तेल गुरूवार को 78.79 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर बंद हुआ था. कच्चे तेल में गिरावट से रुपए में भी 61 पैसे की मजबूती आयी है.
रूस के ऊर्जा मंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने शुक्रवार को 17 महीने तक वैश्विक तेल आपूर्ति समझौते की शर्तों को आसान बनाने के लिए सऊदी ऊर्जा मंत्री खालिद अल-फलीह के साथ बातचीत की. सऊदी अरब, रूस और संयुक्त अरब अमीरात के ऊर्जा मंत्री प्रति दिन करीब 1 मिलियन बैरल (बीपीडी) की उत्पादन वृद्धि पर चर्चा कर रहे हैं.
पेट्रोलियम निर्यात करने वाले देशों (ओपेक) के संगठन के साथ-साथ रूस के नेतृत्व में गैर-ओपेक उत्पादकों के एक समूह ने 2017 में बाजार को मजबूत करने और कीमतों में वृद्धि करने के लिए आउटपुट को रोकना शुरू कर दिया.
ओपेक के नेतृत्व में कटौती की वजह से वैश्विक कच्चे तेल की आपूर्ति पिछले साल तेजी से बढ़ी, साथ ही वेनेज़ुएला के तेल उत्पादन में नाटकीय गिरावट आयी थी.
पिछले एक साल में कच्चा तेल करीब 45 फीसदी महंगा हुआ. इस साल गुरूवार तक करीब 20 फीसदी भाव बढ़े थे. देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल अपने सबसे ऊपरी स्तर 77 रुपये 83 पैसे पर पहुंच गया है. देश की आर्थिक राजधानी की बात करें तो मुंबई में पेट्रोल की कीमत 85 रुपये 65 पैसे है. इस रेट के साथ लोगों को खरीदने में परेशानी हो रही है.
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देश में जगह-जगह बढ़ती तेल की कीमतों को लेकर विरोध-प्रदर्शन भी हो रहे हैं लेकिन सरकार इस ओर ध्यान तक नहीं दे रही. लोग महंगा डीजल पेट्रोल खरीदनों को मजबूर हैं, लेकिन सरकार अभी तक बढ़ते दामों पर कोई रोक नहीं लगा पाई है, जिससे लोगों में रोष का माहौल बना हुआ है.
First published: 25 May 2018, 16:43 IST