जीडीपी ग्रोथ को लेकर जारी नए आंकड़ों के बाद चिदंबरम बोले 'हमारा डर और चेतावनी सही साबित हुई'

नोटबंदी और जीएसटी को लेकर विपक्ष के आरोपों को झेल रही मोदी सरकार के सामने जीडीपी ग्रोथ को लेकर सीएसओ के ताजा आंकड़ों से बड़ा झटका लगा है. साल साल 2016-17 में जीडीपी की ग्रोथ रेट जहाँ 7.1% थी वहीँ इसके 2017-2018 के बीच 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
सीएसओ के ये आंकड़े ऐसे वक़्त में आये हैं जब सरकार आगामी बजट की तैयारियों में लगी हुई है. हालाँकि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में स्वीकार किया था कि 2016 -17 के दौरान जीडीपी की रफ़्तार कुछ धीमी पड़ी है.
सीएसओ के आंकड़ों में बताया गया है कि साल 2017-18 के दौरान प्रतिव्यक्ति आय में 5.3 फीसदी बढ़ोतरी का रहने का अनुमान है, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में प्रतिव्यक्ति आय में वृद्धि की दर 5.7% थी।
सीएसओ आंकड़ों के अनुसार कृषि ग्रोथ के 4.9 से घटकर 2.1 फीसद रहने का अनुमान जताया गया है। वहीं माइनिंग ग्रोथ के 2.9 फीसद रहने का अनुमान है। इसके अलावा जीवीए के 6.1 फीसद पर रहने का अनुमान है।
Our fears and warnings have proved true. GDP growth in 2015-16, 2016-17 and 2017-18 (est) is 8.0, 7.1 and 6.5. These numbers prove there is a slowdown.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 5, 2018
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने इन आंकड़ों के बाद सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि "हमारा डर और चेतावनी सही साबित हुई। 2015-16 और 2016-17 क्रमशः 8.1, 7.1 रही। 2017-18 में जीडीपी विकास दर 6.5 रहने का अनुमान है। ये आंकड़े साबित करते हैं कि आर्थिक मंदी है।"
First published: 6 January 2018, 9:22 IST