वित्त मंत्रालय ने इन बैंकों को दी शाखाएं बंद करने की सलाह

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक बैकों को अपनी शाखाएं कम करने की सलाह दी है. बैंकों के फंसे लोन (एनपीए) के घाटे को कम करने के लिए वित्त मंत्रालय ने बैंकों से इसे व्यापक तौर पर अपनाने को कहा है. बैंकों में वित्तीय सुधारों को देखते हुए मंत्रालय ने ये राय दी है.
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक भारत और विदेशों में इन बैंकों से घाटे में चल रही अपनी ब्रांच को बंद करने के लिए कहा गया है ताकि इनकी वित्तीय स्थिति में सुधार हो. मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि घाटे में चल रहे ब्रांच को चलाने का कोई मतलब नहीं है. ये बैंकों की बैंलेस शीट पर भार डालती है. इन ब्राचों को बंद होने से ना सिर्फ बैंकों की बड़ी सेविंग होगी बल्कि बैंकों की कार्यक्षमता में भी सुधार आएगा.
देश के दो बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक ने इस राय को अमलीजामा पहनाने की तैयारी शुरू कर दी है. वहीं इंडियन ओवरसीज बैंक ने देश में अपने क्षेत्रीय कार्यालयों की संख्या में कटौती कर दी है. बैंक ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों की संख्या को 59 से घटाकर के 49 कर दिया है.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अलावा पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ इंडिया उन सार्वजिनक बैंको में शामिल है जिन्हें वित्त मंंत्रालय ने ये महत्वपूर्ण सलाह दी है. मीडिया रिपोट्स के मुताबिक पीएनबी अपनी यूके की सब्सिडियरी पीएनबी इंटरनेशनल बैंक में अपनी स्टेक को बेचने की सोच रहा है.
बैंक ऑफ बड़ोदा की 24 देशों में 107 शाखाएं और ऑफिस हैं. इसमें से 15 देशों में 59 शाखाएं हैं. जबकि बैंक अपनी 47 शाखाएं 8 ओवरसीज सब्सिडियरी के अंतर्गत चलाता है. वहीं देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट ऑफ इंडिया के 36 देशों में 195 ऑफिस हैं.
विदेशों में वित्त मंत्रालय ने बैंकों से एकीकरण पर विचार करने और गैर जरूरी शाखाओं को बंद करने को कहा है. मंत्रलय का कहना है कि विदेश में किसी देश में कई भारतीय बैंकों के होने की जरूरत नहीं है. वहां पांच-छह बैंकों को मिलकर सब्सिडियरी के रूप में एक शाखा चलाने पर विचार करना चाहिए.