अक्टूबर में एक लाख करोड़ के पार पंहुचा GST संग्रह, जेटली ने बताई ये वजह

त्योहार के मौसम के दौरान मांग में पिक-अप में उत्साह के कारण जीएसटी संग्रह अक्टूबर में 1 लाख करोड़ रुपये के पार हो गया है. जीएसटी संग्रह से हुई इस बढ़ोतरी से सरकार को अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने में बड़ी राहत मिली है. इसे पहले अप्रैल में संग्रह 1 लाख करोड़ के पार गया था. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा अक्टूबर 2018 के लिए जीएसटी संग्रह 1 लाख करोड़ रुपये पार कर गया है.
GST collections for October 2018 have crossed Rs. 1 lakh crore. The success of GST is lower rates, lesser evasion, higher compliance, only one tax and negligible interference by taxation authorities.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) November 1, 2018
उन्होंने कहा इसका कारण कम टैक्स चोरी, कम दरें हैं. अक्टूबर में कुल जीएसटी संग्रह 1,007 ट्रिलियन रुपये था. जिसमें से केंद्रीय जीएसटी 16,464 करोड़, स्टेट जीएसटी 22,826 करोड़ रुपये था और इंटरग्रटेड जीएसटी 53,419 करोड़ रहा. इसमें सेस की हिस्सेदारी 8,000 करोड़ रही. इससे पहले सितंबर में जीएसटी संग्रह 94,442 करोड़ रुपये था.
इससे पहले वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने नए और सरलीकृत रिटर्न दाखिल करने के प्रारूप को मंजूरी दे दी, जिसमें निल करदाताओं के लिए फाइलिंग प्रक्रिया को कम करने के लिए एसएमएस सिस्टम सक्षम किया गया है. जो व्यवसाय निल फाइलर्स हैं, जहां एक चौथाई में कोई आपूर्ति या खरीद नहीं है, वे एसएमएस के माध्यम से अपने तिमाही रिटर्न दर्ज कर सकते हैं. नई प्रणाली 1 जनवरी, 2019 से लागू होने की संभावना है.
जीएसटी कमिश्नर उपेंद्र गुप्ता का हवाला देते हुए पीटीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी काउंसिल द्वारा एक नई रिटर्न सिस्टम को मंजूरी दे दी गई है, जिसमें निल फाइलर्स जहां एक तिमाही में कोई आपूर्ति या खरीद नहीं है, रिटर्न दाखिल कर सकते हैं.
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First published: 1 November 2018, 14:21 IST