आत्मनिर्भर जॉब पोर्टल पर 40 दिन में 69 लाख लोगों ने किया रजिस्टर्ड, नौकरी मिली कितनों को ?

कोरोना वायरस लॉकडाउन के बाद लोगों ने बड़ी संख्या में रोजगार खोया है. 11 जुलाई को प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए एक सरकारी जॉब पोर्टल पर केवल 40 दिनों में 69 लाख से अधिक लोगों ने नौकरी के लिए रजिस्टर्ड किया लेकिन इनमें से नौकरी पाने वाले व्यक्तियों की संख्या पंजीकृत होने वालों का एक अंश मात्र है. 14 अगस्त से 21 अगस्त के बीच केवल एक हफ्ते में 7 लाख से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया. हालांकि सप्ताह के दौरान, जिन्हें नौकरी मिली, उनकी संख्या सिर्फ 691 थी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार कौशल विकास मंत्रालय और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा अपने ASEEM (Aatmanirbhar Skilled Employee Employer Mapping) पोर्टल पर डाले गए आंकड़ों के अनुसार नौकरी की तलाश कर रहे 3.7 लाख उम्मीदवारों में से केवल 2 प्रतिशत को ही नौकरी मिली. पंजीकरण करने वाले 69 लाख प्रवासी श्रमिकों में से 1.49 लाख को नौकरी की पेशकश की गई थी, लेकिन केवल 7,700 ही काम में शामिल हो सके.
एक रिपोर्ट के अनुसार मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि पोर्टल विभिन्न कौशल में प्रशिक्षित लोगों की सहायता करने के लिए था. जिन लोगों ने पंजीकरण कराया, वे केवल प्रवासी श्रमिक नहीं हैं, उन्होंने कहा सेल्फ एम्प्लॉइड इलेक्ट्रीशियन, फील्ड-तकनीशियन, सिलाई मशीन ऑपरेटर सूची में शीर्ष पर हैं, जबकि कूरियर डिलीवरी एक्सिक्यूटिव, नर्स, अकॉउंट एक्सिक्यूटिव, मैनुअल क्लीनर और सेल्स के लिए मांग अधिक है. कर्नाटक, दिल्ली, हरियाणा, तेलंगाना और तमिलनाडु सहित अन्य राज्यों के आंकड़ों से पता चलता है कि श्रमिकों की भारी कमी है.
इन राज्यों में प्रवासी श्रमिकों का पलायन देखा गया था, जिनमें से ज्यादातर उत्तर प्रदेश और बिहार से थे, मार्च में लॉक डाउन शुरू हुआ थी. आंकड़ों के अनुसार जून में प्रधानमंत्री द्वारा 116 जिलों में शुरू किए गए गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत नौकरियों की तलाश कर रहे लोगों में केवल 5.4 प्रतिशत महिलाएं हैं. पोर्टल पर 514 कंपनियां पंजीकृत हैं, जिनमें से 443 ने 2.92 लाख नौकरियां पोस्ट की हैं, इसमें से 1.49 लाख को नौकरी दी गई है.
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