खुशखबरी: देश का पहला 5G बेस स्टेशन स्थापित, जल्द मिलेगा दस गुना सस्ता इंटरनेट

इंटरनेट डाटा को लेकर आईआईटी दिल्ली में देश का पहला 5G बेस स्टेशन लगाया गया. इस तरह के बेस स्टेशन अगले साल तक विभिन्न आईआईटी में स्थापित किए जाएंगे. देश को सस्ती 5G नेटवर्क सुविधा दिलाने की उलटी गिनती शुरू हो गयी है.
देश के पहले 5G बेस स्टेशन में 5G नेटवर्क का ट्रायल सफल रहा है. इसके बाद वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई हैं, कि देश को वर्ष 2021 से सस्ती 5G नेटवर्क सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी, जो वर्तमान दर से दस गुना सस्ती होगी. देश का पहला 5G बेस स्टेशन आईआईटी दिल्ली में स्थापित किया गया है. प्रोफेसर सैफ खान मोहम्मद ने कहा कि यह लैब ऐल्गोरिदम सॉफ्टवेयर विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. इस तरह के बेस स्टेशन अगले साल तक विभिन्न आईआईटी में स्थापित किए जाएंगे.
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जानिए कैसे सस्ता होगा इंटरनेट डाटा
अभी किसी भी सेलुलर कंपनी ने बेस स्टेशन देश में नहीं बनाया है. सभी विदेश में बने 4G बेस स्टेशन से सुविधा लेती हैं, जो उन्हें महंगी मिलती हैं. इस कारण इंटरनेट टैरिफ मंहगा पड़ता है, लेकिन देश में स्थापित 5G बेस स्टेशन के सुचारू हो जाने के बाद सेलुलर कंपनी को सुविधा यहीं से मिल जाएगी, जो दस गुना सस्ती होगी. इससे आम आदमी का इंटरनेट टैरिफ भी दस गुना तक सस्ता होगा.
5G नेटवर्क से 5 सेकेण्ड में डाउनलोड होगी पूरी फिल्म
5G नेटवर्क एक अल्ट्रा स्पीड नेटवर्क होगा जिसमें 20 गीगाबाइट प्रति सेकंड की स्पीड मिलेगी. मोबाइल पर टच करते ही एक सेकंड के हजारवें हिस्से यानि एक मिलीसेकंड से भी कम समय में वेबपेज खुल जाएगा या वीडियो चलने लगेगा. पूरी फिल्म 5G नेटवर्क पर पांच से छह सेकंड में डाउनलोड हो जाएगी. यानि 5G नेटवर्क पर मोबाइल इंटरनेट चलने से हमारी दुनिया आज की अपेक्षा कई गुना ज्यादा तेज हो जाएगी.
इस नेटवर्क की प्रोसेसिंग के लिए पावरफुल तकनीक का विकास इस अल्ट्रास्पीड नेटवर्क 5G की लेटेंसी बहुत कम है. टच या क्लिक के बाद डाटा रिक्वेस्ट भेजने और डाउनलोड होने में जितना समय लगता है. उसे लेटेंसी कहते हैं. यानि काफी कम समय में डाटा प्रोसेस होगा और इसके लिए बहुत ज्यादा प्रोसेसर पावर की जरूरत होगी. साथ ही 5G नेटवर्क के लिए मोबाइल डिवाइस भी बनाने पड़ेंगे.
5G के लिए इंटिलेजेंट नेटवर्क बनाया जाएगा, ताकि यह एक मिलीसेकंड से भी कम समय में किसी भी लोकेशन में यूजर की मांगों की पूर्ति कर सके. 4G नेटवर्क में यह संभव नहीं हो पा रहा है.
5G इंटरनेट एक तरह से सेल्फ ड्राइविंग कार की तरह होगा जो खुद रिसोर्सेज तलाश कर यूजर्स को सोल्यूशन देगा. 5G के लिए ड्रोन और बैलून पर बेस स्टेशन 5G का सिद्धांत है - सब चीज के लिए इंटरनेट और सभी जगह इंटरनेट.कनेक्टिविटी की यह क्रांति लाने के लिए हो सकता है कि 5G के सिग्नल पहुंचाने वाले बेस स्टेशन्स के लिए ड्रोन्स और बैलून्स का इस्तेमाल हो.
First published: 15 April 2018, 10:47 IST