अमेरिका के ट्रैवल बैन के बाद तेल की कीमतों में आयी रिकॉर्ड गिरावट

अमेरिका द्वारा यूरोप से यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के बाद तेल की कीमतों में गुरुवार को फिर से गिरावट आई है. WHO द्वारा कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने बाद अमेरिका ने ये कदम उठाया था. ब्रेंट क्रूड की कीमत में 2.14 डॉलर या 5.9 फीसदी की गिरावट आयी है. 6 मार्च को कच्चे तेल की कीमत में बड़ी गिरावट आयी क्योंकि सऊदी अरब के नेतृत्व वाले पेट्रोलियम निर्यातक देशों (ओपेक) और रूस के बीच सांझी डील टूट गई.
सऊदी अरब ने पिछले सप्ताह अपने तेल उत्पादक रूस के साथ एक प्राइस वॉर शुरू किया जब उसने अपने खरीदारों को कच्चे तेल की आधिकारिक लागत को 30 से अधिक वर्षों में सबसे अधिक घटा दिया. ब्रेंट क्रूड की कीमत 6 मार्च को 52 डॉलर प्रति बैरल के करीब से गिरकर 8 मार्च को 31.49 डॉलर प्रति बैरल हो गई है. 11 मार्च को कीमत 36.4 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थी.
सऊदी अरब बहुत कम कीमत पर तेल का उत्पादन करता है. जबकि इसकी सरकार का भारी खर्च उच्च तेल की कीमतों पर अत्यधिक निर्भर है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार 2020 में अपने खर्च को पूरा करने में सक्षम होने के लिए सऊदी अरब सरकार के लिए ब्रेक-ईवन मूल्य 83.6 डॉलर प्रति बैरल होने की उम्मीद है.
वित्त वर्ष 20 (अप्रैल 2019 से जनवरी 2020) में कच्चे तेल पर भारत का आयात निर्भरता 84.9% हो गई है, जबकि वित्त वर्ष 19 में इसी अवधि के दौरान यह 83.6% थी. अप्रैल 2019 और जनवरी 2020 के बीच भारत ने लगभग 188.4 मिलियन टन कच्चे तेल का आयात किया था और इसके लिए 87.7 बिलियन डॉलर का भुगतान किया था. 6 मार्च तक भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की कीमत 47.92 डॉलर प्रति बैरल थी. 10 मार्च तक यह गिरकर 34.52 डॉलर प्रति बैरल हो गई.
SBI ने फिर दिया अपने ग्राहकों झटका, FD पर मिलने वाली ब्याज दरों में की कटौती
First published: 12 March 2020, 9:12 IST