RBI की जांच में आया सामने, ICICI से वीडियोकॉन लोन मामले में कोई गड़बड़ी नहीं

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने दो साल पहले आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकॉन ग्रुप को लोन देने में अनौपचारिकता के आरोपों की जांच के लिए एक विस्तृत जांच की थी, लेकिन अब आरबीआई के दस्तावेज कहते हैं कि वीडियोकॉन ग्रुप को ऋण देने में किसी गड़बड़ी का कोई भी प्रमाण नहीं मिला.
आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर के पति को लेकर लगे आरोपों के बाद रिजर्व बैंक ने 2016 के मध्य में जांच शुरू की थी.
वीडियोकॉन को आईसीआईसीआई बैंक से 3250 करोड़ रुपये का लोन देने के मामले में बैंक की सीईओ चन्दा पर हितों के टकराव के आरोप लगे थे. इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि चंदा कोचर उस समय बैंक की क्रेडिट कमिटी में शामिल थीं, जब वीडियोकॉन ग्रुप को 2012 में 3,250 करोड़ रुपये के कर्ज की मंजूरी दी गई थी.
रिपोर्ट के अनुसार वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत 2008 में चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी न्यूपावर रिन्यूएबल्स में निवेशक थे, हालांकि बाद में उन्होंने अपनी हिस्सेदारी बेच दी थी. वर्तमान में देश के कार्पोरेट और बैंकों की मिलीभगत को लेक बड़े-बड़े चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. बता दें कि 2017 में यह यह लोन एनपीए घोषित कर दिया गया था.
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First published: 15 April 2018, 14:41 IST