RBI ने आम लोगों का सपना तोड़ा, ब्याज दरों में नहीं होगा बदलाव

भारतीय रिजर्व बैंक ने चौथी बार फिर से आम आदमी को मायूस करते हुए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. मौद्रिक नीति समिति बैठक के बाद ये फैसला लिया गया कि आरबीआई रेपो रेट 6 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 5.75 फीसदी पर बरकरार रखेगी. आम आदमी के हिसाब से इसे समझें तो इसका मतलब है कि कस्टमर के लिए बैंक लोन सस्ता नहीं होगा और न ही ईएमआई में कोई राहत मिलेगी.
दरअसल, छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की बैठक ऐसे समय में हुई जब सरकार ने जोर देकर कहा है कि साल 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटा और राजस्व घाटा आम बजट के संशोधित अनुमान से कम रहेगा. जीडीपी ग्रोथ को लेकर आरबीआई ने सकारात्मक रुख अपनाया है. 2017-18 के 6.6 फीसदी के मुकाबले 2018-19 में जीडीपी की रफ्तार 7.4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है.
यह बैठक आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल के नेतृत्व में हुई है, जिसमें सरकार की ओर से नामित सदस्य चेतन घाटे, पामी दुआ, रवीन्द्र एच ढोलकिया शामिल थे. वहीं आरबीआई की ओर से गवर्नर उर्जित पटेल, मौद्रिक नीति प्रभारी डिप्टी गवर्नर विरल ए आचार्य और बैंक के कार्यकारी निदेशक मिशेल डी पात्रा शामिल थे. वहीं भारतीय रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि आरबीआई उन सभी संस्थाओं, कारोबारियों और व्यक्तियों को कई सेवा नहीं देगा जो बिटकॉइन में व्यापार करते हैं.
गौरतलब हैं कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को जानकारी देते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 10,02,607 करोड़ रुपये रहा है. पिछली बार अगस्त महीने की मौद्रिक नीति की समीक्षा में रिजर्व बैंक ने रीपो रेट और रिवर्स रीपो रेट में 0.25% कटौती का ऐलान किया था. उसके बाद 4 अक्टूबर और 6 दिसंबर की नीतिगत समीक्षा में कोई बदलाव नहीं किए गए थे. बता दें कि अगर ये ब्याज दरें घटती तो आम लोगों के लिए पर्सनल लोन, होम लोन, कार लोन और बिजनेस लोन सस्ता होगा.
First published: 5 April 2018, 18:01 IST