स्किल इंडिया को बड़ा आवंटन लेकिन चुनौतियां उससे भी बड़ी

- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्किल इंडिया मिशन या प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीआई) को 2016 के लिए 1,700 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है.
- सरकार की योजना अगले तीन सालों में एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित करने की है और यह काम 1,500 मल्टी स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की मदद से किया जाएगा.
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने स्किल इंडिया मिशन या प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीआई) को 2016 में 1,700 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है.
सरकार की योजना अगले तीन सालों में एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित करने की है और यह काम 1,500 मल्टी स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की मदद से किया जाएगा. भारत में युवाओं की बेरोजगारी के पीछे उनका प्रशिक्षित नहीं होना सबसे बड़ा कारण है. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना है और अब इसे मिशन के तौर पर आगे बढ़ाया जाएगा.
और पढ़ें: बजट 2016-17: यह सूट-बूट नहीं, खेत खलिहान का बजट है
- योजना में रोजगार की गारंटी नहीं दी गई है.
- करीब 21,820 औद्योगिक प्रशिक्षण इंस्टीट्यूट हैं और इसकी क्षमता 30 लाख लोगों को प्रशिक्षित करने की है लेकिन इनमें से अधिकांश को नौकरी नहीं मिल पाती है.
- नेशनल स्किल डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन के मुताबिक अभी तक 52 लाख लोगों को ट्रेनिंग दी गई है लेकिन केवल 23 लाख लोगों को ही नौकरी मिल पाई है.
- एनएसडीसी प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को लागू करने वाली संस्था है और नवंबर 2015 तक करीब 435 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है. हालांकि अभी तक केवल 5.3 लाख लोगों ने ही अपना पंजीकरण कराया है.
- फंड के इस्तेमाल की निगरानी के लिए इस योजना की लगातार समीक्षा की जाती है.
- नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक करीब 2015-2022 के बीच करीब 10.4 करोड़ नए मजदूर श्रम बाजार में आएंगे.
- कम संख्या में पंजीकरण और नौकरी देने वाली एजेंसियों की हिचकिचाहट इस योजना की तरक्की की राह में बड़ी समस्या हैं.
हिरोशिमा यूनिवर्सिटी का शोध बताता है कि आखिर भारत में स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रम की जरूरत क्यों है. अगले कुछ सालों में भारत में दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी होगी और भारत का करीब 90 फीसदी वर्कफोर्स अभी भी अनौपचारिक क्षेत्र में काम कर रहा है. इसके अलावा भारत का इकनॉमिक ग्रोथ भी बिना जॉब के हो रहा है. ऐसे में साफ है कि भारत को बड़ी घोषणाओं के मुकाबले ज्यादा सटीक प्लानिंग की जरूरत है.
और पढ़ें: अच्छी खबर: घर खरीदने पर मिलेगी 50,000 रुपये की छूट
और पढ़ें: एलपीजी और पेट्रोलियम सब्सिडी पर चली सरकार की कैंची
और पढ़ें: बजट 2016-17: फूड प्रोडक्ट्स में 100 फीसदी एफडीआई
First published: 2 March 2016, 8:44 IST