जल्द नीलाम होगी सहारा समूह की प्रॉपर्टी

सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार एचडीएफसी रीयल्टी और एसबीआई कैप सहारा समूह की नीलाम की जाने वाली अचल संपत्तियों में से 10 की ई-नीलामी करेंगी.
इसका बाजार मूल्य करीब 1,200 करोड़ आंका गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सेबी ने सहारा समूह की संपत्तियों को बेचने का काम दोनों कंपनियों को दिया है.
एचडीएफसी रीयल्टी को 31 भूखंड और एसबीआई कैप को 30 भूखंड नीलाम करने की जिम्मेदारी है. इन संपत्तियों का अनुमानित बाजार मूल्य क्रमश: 2400 करोड़ रुपये और 4,100 करोड़ रुपये है.
एचडीएफसी रीयल्टी ने कहा कि वह चार जुलाई को पांच भूखंडों की नीलामी करेगी. इन संपत्तियों से आरक्षित मूल्य पर करीब 722 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है.
एसबीआई कैप ने कहा कि वह सात जुलाई को 470 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य पर पांच संपत्तियों की नीलामी करेगी.
सहारा समूह की ये संपत्तियां आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में स्थित हैं. इसमें कृषि एवं गैर-कृषि भूखंड शामिल हैं.
क्या है पूरा मामला
इसी साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने सेबी से कहा है कि वो सहारा की कुछ अचल संपत्तियों को बेचकर लाखों निवेशकों की रकम लौटाने की प्रक्रिया शुरू करे.
कोर्ट ने सेबी से उन संपत्तियों को बेचने को कहा है, जिनका टाइटल डीड सेबी के पास जमा है. सहारा की भारत में तमाम अचल संपत्तियों के अलावा विदेशों में भी कई होटल हैं. इनमें न्यूयॉर्क का प्लाजा और लंदन का ग्रॉसवेनर हाउस भी शामिल है.
मार्च 2014 को लाखों छोटे निवेशकों को रकम वापस करने के आदेश को पूरा करने में असफल रहने पर सहारा के संस्थापक सुब्रत राय सहारा को गिरफ्तार कर लिया गया था.
इसके बाद जून 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सहारा समूह को पूरे 36 हजार करोड़ रुपये चुकाने होंगे. सहारा ने अधिकारियों को 86 संपत्तियों की सूची सौंपी थी, जिनकी कीमत 40 हजार करोड़ रुपये होने का दावा किया गया था. हालांकि सहारा ने दावा किया था कि वो इन संपत्तियों के खरीदार ढूंढ़ने में असमर्थ रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सेबी इन संपत्तियों को इनके सर्किल रेट के 90 फीसदी से कम कीमत पर नहीं बेच सकती. अगर कोई इन संपत्तियों की कीमत सर्किल रेट के 90 फीसदी से कम रखकर खरीदना चाहता है, तो सेबी को इसके लिए अदालत की इजाजत लेनी होगी.