बाजार ने खारिज की युद्ध की आशंका, जबरदस्त उछाल के साथ सेंसेक्स 28,000 के पार

- पिछले गुरुवार को भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार की गई रणनीतिक कार्रवाई के बाद भारतीय शेयर बाजार में आई भारी गिरावट तेजी से रिकवर होती नजर आ रही है. बाजार ने निचले स्तर से रिकवरी करते हुए नया स्तर बनाया है.
- हफ्ते के पहले दिन सेंसेक्स में जबरदस्त रिकवरी देखने को मिली. सोमवार उतार-चढ़ाव की आशंकाओं को दरकिनार करते हुए सेंसेक्स 28,000 के स्तर पर को पार करने में सफल रहा. सेंसेक्स 377.33 अंक चढ़कर28,243.29 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 126.95 अंकों की उछाल के साथ 8738.10 पर बंद हुआ.
- वहीं निफ्टी भी रियल्टी, पावर, ऑयल एंड गैस, मेेटल, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, कैपिटल गुड्स और बैंकिंग शेयरों में आई मजबूती की वजह 8700 के अहम सपोर्ट स्तर को पार करने में सफल रहा.
गुरुवार को एलओसी पार भारतीय सेना के ऑपरेशन की जानकारी सामने आने के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका की वजह से सेंसेक्स 600 से अधिक अंक तक नीचे फिसल गया था वहीं निफ्टी भी 8700 के अहम सपोर्ट को तोड़ते हुए 8,576 तक चला गया था. हालांकि बाद में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में मामूली रिकवरी आई थी.
हालांकि सोमवार को बाजार में आई तेजी के बाद निफ्टी और सेंसेक्स ने गुरुवार को हुए नुकसान की भरपाई कर ली है. सेंसेक्स 377.33 अंक चढ़कर28,243.29 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 126.95 अंकों की उछाल के साथ 8738.10 पर बंद हुआ.
उरी हमले के बाद हुई सैन्य कार्रवाई के बाद बनी स्थिति को लेकर विश्लेषकों का साफ मानना था कि भारत और पाकिस्तान के बीच के खराब रिश्तों का असर बाजार की चाल पर नहीं पड़ेगा.
गुरुवार को हुए नुकसान की भरपाई होने के बाद यह कहा जा सकता है कि बाजार भारत और पाकिस्तान के बीच के रिश्तों में होने वाले उतार-चढ़ाव की आशंका को पूरी तरह से पचा चुका है. इससे यह साफ हो गया है कि युद्ध की आशंका शॉर्ट टर्म में बाजार के किसी ट्रिगर के तौर पर काम नहीं करेगा.
शेयर बाजार में आई तेजी की एक वजह ऐतिहासिक भी है. करगिल युद्ध का इतिहास बताता है कि युद्ध जैसी स्थिति में शेयर बाजार में शुरुआती भगदड़ होती है लेकिन बाद के राजनीतिक फैसलों से बाजार की आशंकाएं दूर होती हैं और उसमें जबरदस्त तेजी आती है. करगिल युद्ध के बाद सेंसेक्स में करीब 24 फीसदी की तेजी आई थी.
2016 में भी ऐसा होता दिख रहा है. एलओसी पार सेना की कार्रवाई के बाद युद्ध की आशंका को लेकर सेंसेक्स में तत्काल गिरावट आई थी लेकिन अब बाजार ने न केवल निचले स्तर से रिकवर किया बल्कि उसने नया स्तर भी बनाया है.
राजनीति नहीं होगी ट्रिगर
सेना के एलओसी पार चलाए गए ऑपरेशन के बाद लग रहा था कि निकट भविष्य में कूटनीतिक फैसलों से बाजार की दशा और दिशा तय होगी लेकिन बाजार ने इन कारणों को सिरे से खारिज करते हुए आरबीआई की समीक्षा बैठक पर निगाहें जमा ली हैं.
बाजार में आई एक बड़ी तेजी की वजह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की तरफ से ब्याज दरों में की जाने वाली कटौती है. माना जा रहा है कि आरबीआई की नई मौद्रिक समिति ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर सक ती है.
ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से बैंकिंग शेयरों में जबरदस्त उछाल आई है. बीएसई का बैंकिंग इंडेक्स करीब 1.5 फीसदी की मजबूती के साथ 317 से अधिक अंकों की उछाल के साथ 22,359.33 पर बना हुआ है.
बैंकिंग शेयरों में आई तेजी ने सेंसेक्स की उछाल को सपोर्ट किया है. बैंकिंग शेयरों में सबसे अधिक मजबूती इंडसइंड बैंक, फेडरल बैंक, एसबीआई, पीएनबी, एक्सिस बैंक और कोटक बैंक में आई है. सभी बैंकिंग खरीदारी की वजह से हरे निशान में बने हुए हैं.
दरअसल ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद की वजह खुदरा महंगाई दर का नरम होना है. रिजर्व बैंक खुदरा महंगाई दर के आधार पर ब्याज दरों में कटौती का फैसला लेता है. अगस्त महीने में खुदरा महंगाई दर 5.05 फीसदी रही है जो पिछले छह महीने का निम्न्तम स्तर है.
अगले कुछ हफ्तों तक अर्थव्यवस्था में होने वाली गतिविधियां बाजार के लिए ट्रिगर के तौर पर काम करेंगी. बाजार के लिए यह इस लिहाज से अच्छा है कि इसने राजनीतिक कारणों को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया है.
ऑटो सेल्स में तेजी
सितंबर महीना ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए बेहतरीन रहा है. बेहतर मानसून की उम्मीद से ग्रामीण बाजार के मजबूत होने के संकेतों के बीच ऑटो कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त तेजी आई है.
मजबूत आंकड़ों के दम पर बीएसई ऑटोमोबाइल इंडेक्स में करीब 7 फीसदी से अधिक की तेजी आई है. सोमवार को बाजार में आई बड़ी तेजी की वजह ऑटोमोबाइल इंडेक्स का मजबूत होना रहा. बीएसई ऑटोमोबाइल इंडेक्स करीब 2.5 फीसदी से अधिक की तेजी के साथ 515 अंक मजबूत होकर 22,753.85 अंक पर बना हुआ है.
सबसे अधिक मजबूती मदरसुनी सुमी, अशोक लीलैंड, मारुति, हीरो मोटोकॉर्प, भारत फोर्ज और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में आई है. बीएसई ऑटोमोबाइल इंडेक्स में जबरदस्त खरीदारी की वजह से सभी शेयर फिलहाल हरे निशान में काम कर रहे हैं.
वैश्विक संकेतों की वजह से भी भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी आई. शुक्रवार को अमेरिकी बाजार मजबूती के साथ बंद हुआ जो निफ्टी और सेंसेक्स के लिए बेहतर संकेत रहे.
शुक्रवार को डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज करीब 1 फीसदी की मजबूती के साथ हुआ. इसके अलावा एशियाई बाजार के बेहतर संकेतों ने भी सेंसेक्स और निफ्टी को मजबूती दी.
सेंसेक्स और निफ्टी में आई जबरदस्त तेजी यह बता रही है कि आने वाले दिनों में उसकी चिंता क्षेत्रीय और वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर होगी. आरबीआई की समीक्षा बैठक के बाद बाजार की नजर दिसंबर में होने वाली फेडरल रिजर्व की बैठक पर होगी. सितंबर महीने में ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं किए जाने के बाद माना जा रहा है कि दिसंबर की बैठक में फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है.
First published: 3 October 2016, 3:41 IST