सिंह ब्रदर्स: दो दशक तक साथ मिलकर तोड़े सारे रिकॉर्ड, अब छोटे भाई ने ठोका मुकदमा

फोर्टिस हेल्थकेयर के विवाद की कहानी में एक नया मोड़ आ गया है. कंपनी के संस्थापक परिवार के छोटे भाई शिविंदर सिंह ने अपने बड़े भाई और उनके समूह कंपनियों को कुप्रबंधन के आरोपों के दौरान अदालत में अदालत खींच लिया है. शिविंदर ने मंगलवार को देर शाम जारी एक बयान में कहा, "मैंने आरएचसी होल्डिंग, रेलिगेयर और फोर्टिस के के कुप्रबंधन के लिए एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) में मालविंदर और सुनील गोधवानी के खिलाफ मामला दर्ज किया है."
पिछले छह महीनों से दोनों भाई बेहद बुरे दौर से गुजर रहे हैं. फोर्टिस में अनियमितताओं की जांच वित्तीय अधिकारियों द्वारा की जा रही है, जिनमें गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) शामिल है. 2008 के ड्रगमेकर रैनबैक्सी लेबोरेटरीज की बिक्री से संबंधित धोखाधड़ी के आरोपों में सिंह भाइयों को दइची सांक्यो को 500 मिलियन का भुगतान करना पड़ा था.
जांच में दोनों भाइयों की भूमिका की भी जांच की जा रही है. शिविंदर सिंह ने दावा किया कि वह सेवानिवृत्त हुए थे और दिसंबर 2015 में वह एक आध्यात्मिक संगठन राधा सोमी सत्संग बीस चले गए थे. उनका कहना है कि उन्होंने फोर्टिस हेल्थकेयर छोड़ दिया था इसलिए उनका किसी भी गलती में कोई हाथ नहीं है. उन्होंने रेलिगेयर की एनबीएफसी शाखा में किए गए निर्णयों पर सवाल उठाये हैं. अपने बयान में शिविंदर सिंह ने खुद उनके बड़े भाई से अलग करने की भी मांग की है.
हालांकि दोनों ने दो दशकों तक साथ काम किया. शिविंदर का कहना है कि उन्होंने समूह में मालविंदर की अध्यक्षता में सार्वजनिक रूप से सहायक छोटे भाई के साथ किया हैजो परिवार की ओर से लिया गया निर्णय था. शिविंदर सिंह ने कहा "हालांकि यह मुझे बहुत परेशान करता है और मैं मालविंदर के अच्छे की कामना करता हूं. अब मैं उन गतिविधियों के लिए पार्टी नहीं बन सकता, जिनमें पारदर्शिता और नैतिकता निरंतर और निरंतर निषेध की जाती है''.
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First published: 5 September 2018, 16:05 IST