आम बजट 2017: बढ़ सकती है देश में बनने वाले मोबाइल फोनों के कीमत

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को आम बजट 2017 को पेश करते समय कस्टम ड्यूटी में कुछ बदलाव करते हुए कहा कि इससे "घरेलू उद्योगों को पर्याप्त सुरक्षा मिलेगी." सरकार ने मोबाइल फोन निर्माण के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पीसीबी (प्रिंटेड सर्किट बोर्ड या मदर बोर्ड) पर भी स्पेशल एडिशनल ड्यूटी (एसएडी) भी लगा दिया.
सरकार ने विदेशों से आने वाली (आयातित) पीसीबी पर 2 फीसदी एसएडी लगा दिया है. हालांकि मोबाइल फोन के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से यानी पीसीबी की कीमत में यह कर बहुत ज्यादा नजर नहीं आता, लेकिन जब यह कीमत बढ़ेगी तो जाहिर है कि कंपनियां इस बढ़ोतरी की वसूली ग्राहकों से मोबाइल की कीमत बढ़ाकर ही वसूलेंगी.
फिलहाल यह बताना बिल्कुल स्पष्ट नहीं है कि देश में मोबाइल फोन की कीमतों में पीसीबी पर पड़ने वाली ड्यूटी कितना असर डालेगी. पिछले वित्त वर्ष में इसके लिए कोई टैक्स नहीं लिया जाता था, लेकिन अब जब लेना शुरू कर दिया जाएगा, तो जाहिर है कि कीमतों में कुछ इजाफा संभावित है.
इसे कुछ यूं समझा जा सकता है कि भारत में एसेंबल किए जाने वाले मोबाइल फोनों के हिस्से (पार्ट्स) विदेशों से आयात किए जाते हैं और उन्हें यहां पर जोड़कर पूरा फोन बनाया जाता है. अभी तक पीसीबी मंगाने में कोई अतिरिक्त कर नहीं देना पड़ता था.
लेकिन अब देना पड़ेगा. ऐसे में पीसीबी की कीमत में थोड़ा सा भी इजाफा मोबाइल की कीमत बढ़ाएगा. वैसे मोदी सरकार के मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के अंतर्गत कई कंपनियां भारत में ही मोबाइल असेंबल करने का काम करती हैं. इसके लिए वे चीन में बने अधिकांश पार्ट्स भारत में मंगाकर जोड़ती हैं..
पिछले कुछ वक्त में 72 मोबाइल कंपनियों द्वारा भारत में निर्माण शुरू किया गया है. इनमें से 40 कंपनियों का काम मोबाइल निर्माण है जबकि 32 कंपनियां चिप बनाने के व्यवसाय से जुड़ी हैं.