भारतीय बाजार छोड़ सकता है Walmart, मोदी सरकार के नए नियम बने परेशानी : मॉर्गन स्टेनली

भारत के नए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) मानदंडों के लागू होने के बाद दिग्गज अमेरिकी रिटेल वॉलमार्ट फ्लिपकार्ट से बाहर हो सकती है. अमेरिकी निवेश बैंकर मॉर्गन स्टेनली इस बात की संभावना जताई है. मॉर्गन स्टेनली ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में कहा है कि "इस सवाल से पूरी तरह से बाहर निकलना संभव नहीं है, क्योंकि भारतीय ई-कॉमर्स बाजार और अधिक जटिल हो गया है." रिपोर्ट के मुताबिक, वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट के साथ वही हो एकता है जो 2017 के अंत में चीन में अमेजन के साथ हुआ था.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 के अंत में अमेजन चीन से पीछे हट गई थी जो मिसाल है. रिपोर्ट में कहा गया है कि "हम अनुमान लगाते हैं कि फ्लिपकार्ट इस श्रेणी से अपने राजस्व का 50 प्रतिशत प्राप्त करता है, जिसका अर्थ है" फ्लिपकार्ट निकट अवधि में सार्थक व्यवधान और दबाव का सामना कर सकता है.
मॉर्गन स्टैनली ने कहा कि नए एफडीआई नियमों में फ्लिपकार्ट को अपने प्लेटफॉर्म से 25 प्रतिशत उत्पादों को हटाना पद सकता है. जिसमें स्मार्टफ़ोन और इलेक्ट्रॉनिक्स भी शामिल हैं. 1 फरवरी को ई-कॉमर्स क्षेत्र में नए एफडीआई मानदंडों के प्रभावी होने के बाद दोनों कंपनियों में ई-कॉमर्स परिचालन में व्यवधान उत्पन्न हुआ.
मानदंड ने ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं को किसी भी कंपनी को अपने उत्पादों को विशेष रूप से उसके मंच पर बेचने के लिए बाध्य करने से प्रतिबंधित कर दिया. नई नीति में वाणिज्य मंत्रालय ने यह भी कहा कि ऑनलाइन खुदरा कंपनियां प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री मूल्य को प्रभावित नहीं करेंगी. अमेज़ॅन इंडिया के पास ऐसे अपने कई उत्पाद थे. अमेज़न ने नैस्डैक पर $ 45 बिलियन का बाजार पूंजीकरण खो दिया, जबकि वॉलमार्ट ने NYSE पर $ 5 बिलियन से अधिक खो दिए.
First published: 5 February 2019, 16:20 IST