TV देखना और भी हो सकता है महंगा, इस ऑफर को बंद कर सकता है ट्राई

टीवी देखना दिन ब दिन महंगा होता जा रहा है. इसकी वजह ट्राई द्वारा आए दिन नए-नए नियम कानून ब्रॉडकास्टर और वितरकों पर लगाना है. अब ट्राई ब्रॉडकास्टर और वितरकों की ओर से ग्राहकों को अपने प्लेटफॉर्म पर रोकने के लिए दिए जाने वाले बंपर डिस्काउंट पर नजर बनाए है. इसे लेकर अब दूरसंचार नियामक का कहना है कि इन ऑफर्स की वजह से ग्राहकों को चैनल चुनने की पूरी आजादी नहीं मिल रही है. इस छूट पर लगाम लगाने के लिए ट्राई ने शुक्रवार को परामर्श पत्र जारी कर हितधारकों से राय मांगी है.
बता दें कि ट्राई ने ग्राहकों को अलावा चैनल के बोझ से मुक्ति दिलाने के लिए 29 दिसंबर, 2018 से नया नियम लागू किया था. बावजूद इसके टीवी चैनल ब्रॉडकास्टर और डिस्ट्रीब्यूशन ऑपरेटर्स ग्राहकों को बनाए रखने के लिए नए-नए ऑफर्स लेकर आ रहे हैं. जिसके जरिए चुनिंदा चैनलों को उपलब्ध कराया जाता है और इन्हीं पर छूट दी जाती है.
ऐसा करने से उपभोक्ताओं को कई गैरजरूरी चैनल्स के भी पैसे देने पड़ते हैं. दूरसंचार नियामक ट्राई ने कहा है कि नियमों में बदलाव के बावजूद ग्राहकों को चैनल चुनने की पूरी आजादी नहीं मिली है. ट्राई ने डिस्काउंट, बुके की जरूरत और सीलिंग प्राइस पर 30 सितंबर तक हितधारकों से राय मांगी है.
ट्राई का कहना है कि नए नियामकीय ढांचे का मकसद टीवी दर्शकों को अपनी पसंद के चैनल चुनने का अधिकार देना था. इसके जरिये दर्शक अपने मासिक बिल को नियंत्रित कर सकते थे, लेकिन ब्रॉडकास्टर और डिस्ट्रीब्यूशन ऑपरेटर नियमों के खिलाफ जाकर नए-नए ऑफर ला रहे हैं.
ऐसे में ट्राई अब इन ऑफर्स पर लगाम लगाने की तैयारी कर रहा है. ट्राई ने अपने परामर्श पत्र में कहा है कि अधिकतर सेवा प्रदाता कंपनियां और ऑपरेटर्स की ओर से उपभोक्ताओं को चैनल के बुके पर 70 फीसदी तक डिस्काउंट दिया जा रहा है. ज्यादातर बुके में थोड़े फेरबदल के साथ एक जैसे चैनल ही शामिल हैं. इससे ग्राहकों को टीवी चैनल्स की वास्तविक कीमतों का पता नहीं चलता है.
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First published: 17 August 2019, 12:11 IST