राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग: छत्तीसगढ़ में पुलिसवालों ने 16 महिलाओं के साथ किया रेप

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक रिपोर्ट जारी करके बताया है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में पुलिसवालों ने कथित तौर पर 16 महिलाओं का बलात्कार किया है.
इस मामले में आयोग ने सख्ती दिखाते हुए बलात्कार और यौन हिंसा को लेकर राज्य की रमन सिंह सरकार को भी नोटिस जारी किया है.
आयोग ने इस तरह की हिंसा और यौन उत्पीड़न के लिए परोक्ष तौर पर राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
एनएचआरसी ने बस्तर से मिली शिकायत और अपनी जांच में प्रथम दृष्टतया पाया है कि पुलिसकर्मियों द्वारा 16 महिलाओं के साथ बलात्कार, यौन और शारीरिक हमला किया गया है.
बस्तर वही जिला है, जहां के आईजी पुलिस आरपीएस कल्लूरी हैं, जिनकी तैनाती पर कई सामाजिक संगठन और अन्य समूह तानाशाही का आरोप लगा चुके हैं.
आईजी कल्लूरी ने बस्तर की आप नेता सोनी सोरी को सरेआम कथित तौर पर वैश्या तक कह दिया था. इसके साथ कल्लूरी बीबीसी के वरिष्ठ पत्रकार आलोक पुतुल को भी धमका चुके हैं.
आयोग ने महिलाओं के उत्पीड़न की जांच के दौरान पाया कि पुलिसकर्मियों ने बीजापुर जिले के पेगदापल्ली, चिन्नागेलुर, पेद्दागेलुर, गुंडम और बर्गीचेरू गांवों में महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया.
यौन हिंसा और रेप के अलावा पुलिसकर्मियों ने महिलाओं के प्राइवेट पार्ट्स को नुकसान भी पहुंचाया है. आयोग की टीम मौके पर सिर्फ 14 पीड़ितों का बयान ले पाई, जबकि एफआईआर में 34 महिलाएं पीड़ित थीं.
आयोग ने कहा, “इन घटनाओं की अधिकतर पीड़ित महिलाएं आदिवासी हैं. हालांकि किसी भी मामले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम लागू नहीं किया गया. इसी वजह से पीड़िताओं को एससी/एसटी एक्ट के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता भी नहीं मिल पायी.”
इस मामले में आयोग ने अपने मुख्य सचिव के माध्यम से राज्य सरकार को नोटिस भेजकर इस बात का कारण पूछा है कि क्यों नहीं इसे उनके लिए अंतरिम 37 लाख रुपये की आर्थिक मदद की अनुशंसा करनी चाहिए.
इसमें बलात्कार की आठ पीड़िताओं के लिए तीन-तीन लाख रुपये और यौन हमले की छह पीड़िताओं के लिए दो-दो लाख रुपये और शारीरिक हमले की दो पीड़िताओं के लिए 50-50 हजार रुपये शामिल हैं.