क्रिकेट के लिए तेज-तर्रार पुलिसवाले की तलाश में जुटी बीसीसीआई

जेंटलमैन गेम कहे जाने वाले क्रिकेट में भी कई बार मैच फिक्सिंग समेत भ्रष्टाचार के कई बदनुमा दाग लग चुके हैं. हालांकि क्रिकेट की नियामक संस्थाएं जैसे आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) और बीसीसीआई (द बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया) इसके लिए समय-समय पर कड़े कदम उठाती रहती हैं. अब बीसीसीआई ने क्रिकेट को करप्शन से दूर रखने के लिए तेज-तर्रार पुलिसवाले की तलाश शुरू कर दी है.
दरअसल बीसीसीआई अपनी एंटी-करप्शन यूनिट (एसीयू) के प्रमुख की तलाश कर रही है. मुंबई मुख्यालय में नियुक्त होने वाले भ्रष्टाचार-रोधी शाखा के प्रमुख का काम क्रिकेट से जुड़े सभी हितधारकों के साथ मजबूत संचार और समन्वय बनाने का है. बीसीसीआई को इसके लिए डीजीपी या एडीजीपी रैंक के किसी रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी की तलाश है.
एसीयू प्रमुख देश-विदेश में होने वाले किसी भी आकस्मिक मसले पर जाकर तुरंत उसे सुलझाएंगे. आगामी 1 मार्च 2018 से इनका कामकाज शुरू होगा और यह तीन वर्षों तक या फिर 65 साल की उम्र पूरी होने तक बीसीसीआई के साथ जुड़े रहेंगे.

बीसीसीआई के मुताबिक एसीयू यूनिट का मुख्य कार्य मैच-स्पॉट फिक्सिंग को रोकने, नष्ट करने, जांच करने के साथ ही क्रिकेट में भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर मुकदमा चलाए जाने का होगा. ताकि यह खेल बेदाग रहे और बीसीसीआई से जुड़े सदस्य इसकी पवित्रता बनाए रखें.
यह अधिकारी आईसीसी की एसीयू के साथ समन्वय रखेंगे और बीसीसीआई के पूरे एसीयू स्टाफ को संभालेंगे. इसमें एसीयू स्टाफ की नियुक्ति, शिक्षा, निगरानी और प्रदर्शन क्षमता देखना शामिल है. इसके अलावा बीसीसीआई, खिलाड़ी या क्रिकेट पर लगने वाले भ्रष्टाचार के किसी भी आरोप की पूरी तरह जांच करेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो सबसे उच्च मानकों का पालन करेंगे.
इससे उम्मीद लगाई जा सकती है कि बीसीसीआई क्रिकेट के भविष्य को लेकर और सजगता बरतना चाहती है, ताकि वो स्वयं और समूचा खेल साफ-सुथरा रहे और इसपर भ्रष्टाचार का कलंक न लगे.
First published: 12 January 2018, 13:23 IST