IIT Kanpur के प्रोफेसर ने समझाया, आखिर क्या है बुमराह की बॉलिंग के पीछे का रॉकेट साइंस

जसप्रीत बुमराह मौजूदा समय में भारतीय टीम के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाज है. डेथ ओवर में आकर लगातार यॉर्कर डालना उनको सबसे अलग बना रहा है. साल २०१८ में बेहतरीन बॉलिंग के कारण बुमराह विश्व के नंबर वन गेंदबाज बने थे. इतना ही नहीं बुमराह ने अपनी गेंदबाजी के दम पर मुंबई इंडियंस को कई मैच जिताएं है.
बुमराह का गेंदबाजी एक्शन उन्हें दूसरे से अलग बनाते है. आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर संजय मित्तल ने इंडियन एक्सप्रेस में लिखे अपने लेख में बुमराह की गेंदबाजी के पीछे के रॉकेट साइंस को बखूबी समझाया है.
जसप्रीत बुमराह उन गेंदबाजों में से एक है जो गेंद को दोनों तरह से स्विंग करा सकते है. उन्हें परम्परागत स्विंग भी करानी आती है और उनके तरकश में रिवर्स स्विंग का भी तीर है.
किसी गेंदबाज को गेंद को स्विंग कराने के लिए कुछ चीजें जरूरी होती है. एक उसका एक्शन, दूसरा उसकी रफ्तार, तीसरा वो किस ऊँचाई से गेंद रिलिज करता है. गेंद के स्विंग करने के इन सब के इलावा भी और कई कारण होते है और आईआईटी के प्रोफेसर ने सभी कारणों का विश्लेषण करने के बाद यद लेख लिखा है.
अपने लेख में संजय ने बताया कि, यदि कोई गोल ठोस वस्तु तरल या हवा में चक्रण कर रही है और हवा और गोल वस्तु के बीच आपेक्षिक गति हो तो उस वस्तु पर किनारे की तरफ एक बल उत्पन्न होता है, इसी को मैगनस प्रभाव कहते हैं. ठीक इसी तरह बुमराह जब गेंद फेंकते हैं तो वह हवा में तैरती है और एक अलग ही तरह से स्विंग होती है.
अपने लेख में इस प्रोफेसर ने रिवर्स मैगनस फोर्स को जसप्रीत बुमराह के प्रभावशाली होने की वजह बताया है. उन्होंने लिखा कि,'बुमराह की गेंद की गति, सीम पोज़िशन और 1000 आरपीएम की रोटेशनल स्पीड गेंद को 0.1 का स्पिन रेश्यो देती है. इसके कारण बुमराह की गेंद तेज़ी से नीचे की तरफ आती है, जिससे बल्लेबाज को मुश्किल होती है.
First published: 18 May 2019, 12:58 IST