1347 विकेट लेने वाले मुरलीधरन ने जब शीशे पर भी गेंद टर्न कराने का किया था दावा

क्रिकेट की दुनिया में अगर बल्लेबाजी के रिकॉर्ड के लिए किसी का नाम याद आता है तो वह है सचिन तेंदुलकर. वहीं, अगर गेंदबाजी की बात करें तो एक मात्र नाम जहन में आता है वह है श्रीलंकाई ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन. फिर चाहे टेस्ट क्रिकेट की हो गया फिर वनडे क्रिकेट की, दोनों फॉर्मेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड मुरलीधरन के नाम ही है. बता दें कि इंटरनेशनल क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में उन्होंने 1347 विकेट अपने नाम किए हैं.
17 अप्रैल 1972 को श्रीलंका के केंडी शहर में जन्मे मुथैया मुरलीधरन के पूर्वज तमिलनाडु से थे जो श्रीलंका में बस गए. यहां तक कि मुरलीधरन की पत्नी भी तमिलनाडु की ही रहने वाली हैं. इसके अलावा उनसे जुड़े कुछ और रोचक किस्सों के बारे में आज हम बताएंगे क्योंकि आज 46 साल के हो गए हैं.
बता दें कि अगस्त 1992 में मुरलीधरन ने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी. मुरली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना डेब्यू टेस्ट खेला था. साथ ही अपना पहला वनडे उन्होंने साल 1993 में भारत के खिलाफ खेला. इसके साथ-साथ सबसे खास बात ये रही है कि मुरलीधरन ने अपना अंतिम मुकाबला भी भारत के खिलाफ ही खेला.
800 Test wickets.
— ICC (@ICC) April 17, 2018
534 ODI wickets.
The most prolific bowler in international cricket history.
Happy birthday to Sri Lanka legend Muttiah Muralitharan!
What was your favourite Murali moment? pic.twitter.com/oja1c4SO0N
मुरलीधरन के अटूट रिकॉर्ड
मुरलीधरन ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 133 टेस्ट मैच खेले. इस दौरान उन्होंने 800 विकेट झटके जो एक विश्व रिकॉर्ड है. उनके इस टेस्ट रिकॉर्ड के आसपास भी कोई खिलाड़ी नहीं है. यहां तक कि उन्होंने सिर्फ 87 टेस्ट मैचों में 500 विकेट का आंकड़ा छू लिया था. इसके बाद मुरलीधरन और ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज लेग स्पिनर शेन वॉर्न के बीच टेस्ट के विकेटों की जंग चली. हालांकि इस जंग को मुरली ने ही अपने नाम किया. वहीं, T20 क्रिकेट में मुरलीधरन ने कुल 13 विकेट लिए.
साल 2009 में मुरलीधरन ने वनडे क्रिकेट में भी सबसे ज्यादा विकेट लेने का कारनामा किया था. इस मामले में उन्होंने पाकिस्तान के दिग्गज तेज गेंदबाज वसीम अकरम को पीछे छोड़ा था. मुरलीधरन ने वनडे करियर में 350 मैच खेले. इन मुकाबलों में मुरलीधरन ने 534 विकेट चटकाए.
लेकिन ये भी एक विडंबना ही रही कि टेस्ट और वनडे में विकेटों के ढेर लगाने वाले इस गेंदबाज ने जब 2011 में वर्ल्डकप के फाइनल में अपना आखिरी मुकाबला खेला तो पूरे मैच में एक विकेट तक नहीं ले पाए. इस ऐतिहासिक मुकाबले को भारत ने जीता था और दूसरी बार विश्वकप पर कब्जा जमाया था.
He's the leading wicket taker in Test (800) & ODI (534) history - Happy Birthday to #Legend Muttiah Muralitharan!
— Sri Lanka Cricket (@OfficialSLC) April 17, 2018
What's your favourite #Murali moment? pic.twitter.com/6e6sfnszp3
मुरलीधरन से किसी ने जब सवाल पूछा कि क्या आप खराब पिछ पर या फिर सपाट पिच पर टर्न करा सकते हैं तो इसके जवाब में उन्होंने कहा था कि वो शीशे पर भी टर्न करा सकते हैं. इन रिकॉर्ड के बीच उनके साथ एक रिकॉर्ड बतौर बल्लेबाज भी जुड़ा हुआ है जो बेहद शर्मनाक है. दरअसल, मुरलीधरन टेस्ट क्रिकेट में 13 बार शून्य पर आउट हुए थे.
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इसके अलावा उन्हें एक बात का मलाल भी रहता है कि वह टेस्ट की एक पारी में कभी पूरे दस विकेट नहीं ले पाए. इस पारी के दौरान उन्होंने 9 बल्लेबाजों को तो आउट कर दिया था लेकिन एक विकेट उन्हें नहीं मिला था. ऐसा भी नहीं है कि उन्होंने प्रयास नहीं किया.
मुरलीधरन ने जिम्बाब्वे के खिलाड़ी को एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया लेकिन अंपायर ने आउट नहीं दिया. इसके साथ-साथ जब एक गेंद पर कैच आया लेकिन रसेल अर्नोल्ड नहीं पकड़ पाए. गौरतलब है कि दस विकेट लेने का रिकॉर्ड अनिल कुंबले के नाम है जो उन्होंने कोटला में 74 रन देकर झटके थे.
First published: 17 April 2018, 14:24 IST