जब धोनी ने की थी पाकिस्तानी गेंदबाजों की जमकर कुटाई, खेली थी शतकीय पारी

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने जब अपने क्रिकेट करियर की शुरूआत की थी हालांकि शुरूआत के कुछ मैच में उनका बल्ला नहीं चला था लेकिन उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ जो पारी खेली उसके बाद दुनिया ने उनकी बल्लेबाजी का लोहा माना. 5 अप्रैल 2005 के दिन धोनी ने अपने करियर का पहला शतक जड़ा था और उनका यह शतक पाकिस्तान के खिलाफ आया था.
साल 2005 में भारत और पाकिस्तान के बीच छह मैचों की वनडे सीरीज खेली जा रही थी. इस सीरीज का मुकाबला जो विशाखापट्टनम में खेला गया उसमें भारतीय पारी की शुरूआत वीरेंद्र सहवाग-सचिन तेंदुलकर ने की थी. हालांकि सचिन तेंदुलकर 2 पन बनाकर पवेलियन वापस लौट गए. सौरव गांगुली उन दिनों नंबर तीन पर बल्लेबाजी के लिए आते थे, ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि वो ही बल्लेबाजी के लिए आएंगे लेकिन गांगुली ने विकेटकीपर बल्लेबाज धोनी को नंबर तीन पर भेज दिया.

टीम इंडिया का पहला विकेट गिर चुका था ऐसे में धोनी और सहवाग ने मिलकर भारतीय पारी को संभाला. दोनों बल्लेबाजों ने पहले दूसरे विकेट के लिए 96 रनों की साझेदारी की. हालांकि सहवाग 74 रन बनाकर आउट हुए लेकिन धोनी ने खेलना जारी रखा और उन्होंने मैदान के हर ओर रन बनाए. धोनी ने किसी भी पाकिस्तानी गेंदबाज को नहीं छोड़ा और एक एक गेंदबाज की जमकर कुटाई की. धोनी ने 123 गेंदों का सामना करते हुए 148 रनों की पारी खेली थी जिसमें उनके बल्ले से 15 चौके और 4 छक्के आए थे. धोनी की इस पारी के दम पर 356 रन बनाने में सफल हुई थी.
वहीं ब्रेकफास्ट विद चैंपियन में सौरव गांगुली ने इस बात का खुलाया किया था कि आखिर उन्होंने धोनी को उस मैच में नंबर तीन पर बल्लेबाजी के लिए क्यों भेजा था. सौरव गांगुली ने बताया,मैं अपने कमरे में बैठकर न्यूज देख रहा था और सोच रहा था कि धोनी को खिलाड़ी कैसे बनाया जाए. मुझे पता था कि उसमें काफी क्षमता है. अगले दिन हमने टॉस जीता और सोचा कि क्यों न धोनी को तीसरे नंबर पर उतारा जाए. मैंने उसे तीसरे नंबर पर भेजने का फैसला लिया और सोचा जो होगा देखा जाएगा.'
First published: 5 April 2020, 19:43 IST