खेल रत्न पर विवाद: बजरंग पुनिया की सरकार को धमकी, शाम तक जवाब नहीं दिया तो जाऊंगा कोर्ट

राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार नहीं मिलने से नाराज स्टार पहलवान बजरंग पूनिया ने गुरुवार को सरकार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी है. बजरंग ने इस साल गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स और जकार्ता एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीते थे. इस प्रदर्शन के आधार पर उन्हें भारतीय कुश्ती महासंघ द्वारा खेल रत्न के लिए नामांकित किया गया था, लेकिन सरकार ने यह पुरस्कार संयुक्त रूप से भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट और वर्ल्ड चैंपियन भारोत्तोलक मीराबाई चानू (48 किग्रा) को देने का फैसला किया है.
बजरंग इस फैसले से निराश है और अब वो इस मामले पर बात करने के लिए शुक्रवार को खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से मुलाकात करेंगे. बजरंग ने पत्रकारों से कहा कि मैं निराश और हैरान हूं. मैं खेल मंत्री से मिलूंगा. मेरे मेंटर योगी भाई (योगेश्वर दत्त) ने उनसे बात की है और मिलने के लिये समय लिया. मैं सिर्फ यह जानना चाहता हूं कि मेरी अनदेखी क्यों की गई.
उन्होंने कहा कि मैं यह जानना चाहता हूं कि मैं इसका हकदार हूं या नहीं. अगर मैं हकदार हूं तो तभी मुझे यह पुरस्कार दो. यह पूछने पर कि अगर वह खेल मंत्री को अपनी बात से सहमत नहीं कर सके तो क्या वह अदालत का दरवाजा खटखटायेंगे, इस पर उन्होंने कहा कि यह मेरे लिये अंतिम विकल्प होगा. मुझे लगता है कि मैं इस साल इस पुरस्कार का हकदार था, इसलिए मैंने नामांकन भेजा था.

उन्होंने कहा कि पहले कोई अंक प्रणाली नहीं थी लेकिन अब अंक प्रणाली आ गई है तो मुझे लगता है कि अब नंबर मेरे हक में हैं. बजरंग ने कहा कि खेल रत्न पुरस्कार की अनदेखी करने से उनकी वर्ल्ड चैंपियनशिप की तैयारियों पर बड़ा असर पड़ा है जिसका आयोजन हंगरी के बुडापेस्ट में 20 से 28 अक्तूबर तक किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि मैंने इस मामले में महासंघ से बात नहीं की. उन्होंने मेरे नाम को आगे बढ़ाया था जिसका मतलब है कि वे मेरे साथ हैं लेकिन यह मेरी निजी लड़ाई है.
First published: 21 September 2018, 13:21 IST