कानपुर एनकाउंटर: यूपी एसटीएफ पर लगे गंभीर आरोप, प्रभात मिश्रा का परिवार बोला- नाबालिग था 'शार्पशूटर'

Kanpur Encounter: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे (Vikas Dbey) एनकाउंटर में मारा गया है. हालांकि, अभी भी इस हत्याकांड में शामिल कई आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर हैं और उन्हें पकड़ने के लिए लगातार पुलिस दबिश दे रही है. कानपुर एनकाउंटर मामले में पुलिस ने अभी तक छह आरोपियों को ढ़ेर किया है और शार्पशूटर प्रभात मिश्रा ( Prabhat Mishra) उनमें से एक हैं.
उत्तर प्रदेश एसटीएफ (UP STF) की एक टीम ने प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया था और टीम जब उसे कानपुर लेकर आ रही थी तो उसने भागने की कोशिश की और टीम ने उसे एनकाउंटर में ढ़ेर कर दिया. वहीं अब यूपी एसटीएफ की टीम पर प्रभात मिश्रा के परिजनों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रभात मिश्रा नाबालिग था और उसकी उम्र 17 साल की थी.
प्रभात मिश्रा का जब से एनकाउंटर हुआ है तभी से ऐसी खबरें चल रही है कि इस घटना से पहले उसका कोई अपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, जबकि पुलिस ने उसे शार्पशूटर बताया है. प्रभात मिश्रा के परिजनों ने उसने आधार कार्ड, उसकी 10वीं की मार्कशीट को सामने कर दावा किया है कि उसकी उम्र केवल 17 साल थी. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो मार्कशीट में प्रभात मिश्रा कगी जन्मतिथी 27 मई 2004 है.
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गौरतलब है कि विकास दुबे को खोजते खोजते यूपी एसटीएफ की टीम फरीदाबाद तक पहुंची थी. हालांकि, पुलिस के पहुंचने से पहले तक विकास दुबे वहां से फरार हो चुका था. लेकिन हरियाणा पुलिस और यूपीएसटीएफ विकास दुबे के साथी प्रभात मिश्रा को सात जुलाई को पकड़ने में सफल हुई थी. इसके बाद पुलिस ने 8 जुलाई को प्रभात मिश्रा को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर कानपुर रवाना हुई. प्रभात मिश्रा को 9 जुलाई को कानपुर लेकर आ रही थी. लेकिन कानपुर के पनकी के पास उसे एनकाउंटर में ढ़ेर कर दिया गया. पुलिस का आरोप था कि प्रभात मिश्रा हिसारत से भागने का प्रयास कर रहा था.
पुलिस ने दावा किया था कि जिस गाड़ी से वो अपराधी को ले जा रहे थे, वो रास्ते में पंचर हो गई थी. वहीं जब वो टायर को बदल रहे थे, उसी दौरान प्रभात मिश्रा ने एसआई देवेंद्र और कांस्टेबल सुनील कुमार को झटका देकर खुद को छुड़ा लिया और फिर एसआई को मुक्का मारा. पुलिस का आरोप है कि प्रभात मिश्रा ने कांस्टेबल की सर्विस पिस्टल छीन ली और भागने का प्रयास किया और उसने एसटीएफ के जवानों पर गोलीबारी की जिसमें विकास और सुनील घायल हो गए. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में प्रभात मिश्रा मारा गया.
एनकाउंटर के बाद पुलिस ने एक बयान जारी किया था जिसमें कहा गया था कि प्रभात मिश्रा 20 साल का था. वहीं पुलिस के दावे के उलट, मिश्रा की बहन ने उसकी हाईस्कूल की मार्कशीट (यूपी बोर्ड परीक्षा -2018) सामने की, ताकि यह साबित हो सके कि उसका भाई प्रहत नाबालिग था.
First published: 15 July 2020, 19:37 IST