Chaitra Navratri 2018: नवरात्रि का छठा दिन, जानें मां कात्यायनी की पूजा विधि डर और रोगों से मिलेगी मुक्ति

चैत्र नवरात्रि का आज पांचवां दिन है. नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. मां कात्यायनी की पूजा करने से कठिन से कठिन कार्यो में आसानी से सफलता मिल जाती है. इनकी आराधना से डर और रोगों से मुक्ति मिलती है और सभी समस्याओं का समाधान होता है.
ऐसी मान्यता है कि महर्षि कात्यायन ने मां भगवती को अपनी पुत्री के रूप में प्राप्त करने के लिए तपस्या की थी. महर्षि की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवती ने उन्हें पुत्री का वरदान दे दिया था. महर्षि कात्यायन के नाम पर ही इनका नाम कात्यायनी पड़ा.
ऐसा है कात्यायनी माता का स्वरूप
मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत भव्य, दिव्य और बड़ा ही मन को मोह लेने वाला है. मां कात्यायनी शेर पर सवार रहती है. इनकी चार भुजाएं हैं. बाईं तरफ के ऊपरवाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल का फूल सुशोभित है.
ऐसा है कात्यायनी माता का स्वरूप
मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत भव्य, दिव्य और बड़ा ही मन को मोह लेने वाला है. मां कात्यायनी शेर पर सवार रहती है. इनकी चार भुजाएं हैं. बाईं तरफ के ऊपरवाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल का फूल सुशोभित है.
स्नेह की देवी है कात्यायनी माता
जो भक्त मां कात्यायनी की सच्चे मन से आराधना करते हैं. उनकी हर मुराद मां पूरी करती है कहा जाता है भगवान कृष्ण को पति के रूप में पाने के लिए गोपियों ने मां कात्यायनी की ही आराधना की थी.

कात्यायनी माता को इस चीज से लगाएं भोग
मां कात्यायनी की पूजा छठे दिन होती है. देवी के पूजन में मधु का महत्व बताया गया है. इस दिन प्रसाद में मधु यानि शहद का प्रयोग करना लाभकारी है.
इस मंत्र का करें जाप
या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता:..
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:...
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First published: 23 March 2018, 11:10 IST