एक ऐसा मंदिर जहां मकर संक्रांति के दिन ही सूर्य प्रतिमा पर पड़ती है सूरज की पहली किरण

पूरे देश में आज मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस मौके पर आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे मंदिर के बारे में जहां सिर्फ मकर संक्रांति के दिन ही सूर्य की पहली किरण, सूर्य प्रतिमा पर पड़ती है. ये मंदिर मध्यप्रदेश के खरगौन जिले में उपलब्ध है.
जानकारी के मुताबिक प्राचीन ज्योतिष के सिद्धांतो के अनुसार ही मंदिर की रचना की गई है. मंदिर में प्रवेश करते समय सात सीढ़ियां है जो सात वार का प्रतीक हैं. इसके बाद ब्रह्मा विष्णु स्वरूप के रूप में मां सरस्वती, श्रीराम और पंचमुखी महादेव के दर्शन होते हैं. फिर गर्भगृह में जाने के लिए जहां 12 सीढ़ियां उतरना होती हैं जो 12 महीने का प्रतीक हैं.
मकर संक्रांति पर सूर्य मंदिर में सूर्य की पहली किरण, मंदिर के गुंबद से होते हुए भगवान सूर्य की मूर्ति पर पड़ती है. संक्रांति पर प्राचीन नवग्रह मंदिर में सुबह 3 बजे से लोगों की भीड़ लग जाती है. देशभर के श्रद्धालु यहां इस नजारे को देखने आते हैं.
गर्भग्रह में नवग्रह के दर्शन होते हैं. इसके बाद दूसरे मार्ग पर 12 सीढ़ियों से ऊपर चढ़ते हैं जो 12 राशि का प्रतीक है. इस प्रकार से सात वार, 12 महीने, 12 राशियां और नवग्रह, इनके बीच में हमारा जीवन चलता है और उसी आधार पर मंदिर की रचना की गई है.
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ये है इस पर्व का महत्व-
मकर संक्रांति के दिन स्नान, दान और सूर्य देव की आराधना का विशेष महत्व होता है. इस दिन सूर्य देव को लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, मसूर दाल, तांबा, स्वर्ण, सुपारी, लाल फूल, नारियल, दक्षिणा आदि अर्पित किया जाता है. कहा जाता है कि मकर संक्रांति के पुण्य काल में दान करने से अक्षय फल और पुण्य की प्राप्ति होती है.
शास्त्रों के मुताबिक, मकर संक्रांति से सूर्य देव का रथ उत्तर दिशा की ओर मुंड जाता है. ऐसा होने पर सूर्य देव की मुख पृथ्वी की ओर होता है और वो पृथ्वी के पास आने लगते हैं.जैसे ही वो पृथ्वी की ओर बढ़ते हैं, वैसे ही सर्दी कम होने लगती है और गर्मी बढ़ने लगती है.
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First published: 14 January 2021, 11:59 IST