Happy new Year: पूरी दुनिया 1 जनवरी को मनाती है नए साल का जश्न, लेकिन ये है न्य ईयर की दिलचस्प कहानी

आज साल 2018 का आखिरी दिन हैं. आज के दिन पूरा देश और दुनिया नए साल 2019 के स्वागत के जश्न में लगा हुआ है. पूरी दुनिया में आज बीते साल के साथ ही आने वाले साल के स्वागत के लिए तैयारियां जोरों पर हैं. लेकिन नए साल यानी 1 जनवरी के दिन मनाया जाना वाला नए पहले ऐसा नहीं था. पहले नए साल का जश्न 1 जनवरी को नहीं मनाया जाता था. इतना ही नहीं पहले एक साल में महज 10 महीने ही हुआ करते थे.
गौरतलब है कि 1 जनवरी से नए साल की शुरुआत ग्रिगोरियन कैलेंडर के आधार पर मानी जाती है. इस कैलेंडर की शुरुआत 15 अक्टूबर 1582 से मानी जाती है. ऐसा कहा जाता है कि इस कैलेंडर की शुरुआत ईसाईयों ने क्रिसमस की वजह से की थी. ऐसा कि इस ग्रिगोरियन कैलेंडर के पहले प्रचलन में रूस का रूस का जूलियन कैलेंडर था. जिसमे केवल 10 महीने ही हुआ करते थे. इस कैलेंडर में क्रिसमस की तारीख ही नहीं आती थी.
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ऐसा कहा जाता है कि इसके बाद ही अमेरिका के एक फिजीशियन एलॉयसिस लिलियस जो कि नेपल्स के निवासी थे, उन्होंने एक नया कैलेंडर बनाया. इसके बाद से ही इस नए कैलेंडर को रूस ने आधिकारिक रूप से अपना लिया. इस कैलेंडर को राजकीय आदेश पारित करते हुए रूस में औपचारिक रूप से भी अपना लिया गया. इस नए कैलेंडर में नया साल 1 जनवरी से शुरू होता है.
तब से ही इस कैलेंडर के हिसाब से ही जनवरी की पहली तारीख कोे नया साल मनाया जाता है.