भगवान हनुमान को देवताओं और ऋषियों मुनियों ने दिए थे ये 8 चमत्कारी वरदान

हिंदू धर्म में मान्यता है कि जब भी कभी जीवन में डर लगे तो फौरन हनुमान जी का नाम लेना चाहिए. इससे आपका डर और परेशानी दूर हो जाएंगे. हनुमान जी का जन्म त्रेता युग चैक्र मास की पूर्णिमा पर शिवजी के अंशावतार हनुमानजी का जन्म हुआ था. कथाएं कहती हैं कि जन्म के दौरान कई देवी-देवताओं ने हनुमान जी को आठ वरदान दिए थे.
आज हम आपको उनकी वरदान के बारे में बताने जा रहे हैं.पौराणिक कथाओं के मुताबिक हनुमान जी को सूर्य भगवान ने अपने तेज का सौवां भाग देते हुए कहा कि जब इसमें शास्त्र अध्ययन करने की शक्ति आ जाएगी, तब मैं ही इसे शास्त्रों का ज्ञान दूंगा, जिससे की ये अच्छा वक्त होगा और इसकी समानता करने वाला कोई नहीं होगा.
कुबेर ने हनुमान जी को वरदान दिया था कि इस बालक को युद्ध में कभी विषाद नहीं होगा. उन्होंने अपने वरदान में ये भी कहा था कि मेरी गदा संग्राम में भी इसका वध न कर सकेगी.धर्मराज यम ने ये वरदान दिया था कि ये मेरे दण्ड से अवध्य और निरोग होगा.भोलेनाथ ने हनुमान जी को ये वरदान दिया था कि ये मेरे और मेरे शस्त्रों द्वारा भी अवध्य रहेगा.
देव शिल्पी विश्वकर्मा ने ये वरदान दिया था कि मेरे बनाए हुए जिनते भी शस्त्र हैं, उनसे यह अवध्य रहेगा और चिंरजीवी होगा.देवराज इंद्र ने हनुमान जी को ये वरदान दिया कि ये बालकर आज से मेरे वज्र द्वारा भी अवध्य रहेगा.जलदेवता वरुण ने ये वरदान दिया कि दस लाख वर्ष की आयु हो जाने पर भी मेरे पाश और जल से इस बालक की मृत्यु नहीं होगी.
ब्रह्मा ने हनुमान जी को वरदान दिया कि ये बालक दीर्घायु, महात्मा और सभी प्रकार के ब्रह्दण्डों से अवध्य होगा. कोई भी इसे युद्ध में जीत नहीं पाएगा. इच्छा के मुताबिक ये अपना रूप धारण कर सकेगा. जहां चाहेगा वहां जा सकेगा. इसकी गति इसकी इच्छा के मुताबिक तेज और धीमी हो जाएगी.
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First published: 2 January 2021, 16:56 IST