इस दिन मनाई जाएगी मकर संक्रांति, ये है स्नान और दान का महत्व!

सूर्य देव जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो वह घटना सूर्य की मकर संक्रांति कहलाती है. सूर्य देव के मकर राशि में आने के साथ ही मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मंडन, सगाई जैसे कार्यक्रम होने लगते हैं. मकर संक्रांति को भगवान सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं. मकर संक्रांति के आगमन के साथ ही एक महीने का खरमास खत्म हो जाता है.
पंचांग के मुताबिक इस वर्ष मकर संक्रांति का त्यौहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा. इस दिन सूर्य देव सुबह मकर राशि में साढ़े आठ बजे प्रवेश करेंगे. यह मकर संक्रांति का क्षण होगा. इस दिन मकर संक्रांति का पुण्य काल कुछ नौ घंटे सोलह मिनट का है.
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ये है इस पर्व का महत्व-
मकर संक्रांति के दिन स्नान, दान और सूर्य देव की आराधना का विशेष महत्व होता है. इस दिन सूर्य देव को लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, मसूर दाल, तांबा, स्वर्ण, सुपारी, लाल फूल, नारियल, दक्षिणा आदि अर्पित किया जाता है. कहा जाता है कि मकर संक्रांति के पुण्य काल में दान करने से अक्षय फल और पुण्य की प्राप्ति होती है.
शास्त्रों के मुताबिक, मकर संक्रांति से सूर्य देव का रथ उत्तर दिशा की ओर मुंड जाता है. ऐसा होने पर सूर्य देव की मुख पृथ्वी की ओर होता है और वो पृथ्वी के पास आने लगते हैं.जैसे ही वो पृथ्वी की ओर बढ़ते हैं, वैसे ही सर्दी कम होने लगती है और गर्मी बढ़ने लगती है.
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First published: 12 January 2021, 17:20 IST