श्री श्री नहीं बल्कि उनके कमांडर जाएंगे जेल

- ऑर्ट ऑफ लिविंग कल्चरल फेस्टिवल का आयोजन व्यक्ति विकास केंद्र नामक संस्था कर रही है और इसके चेयरमैन नेवी के रिटायर्ड ऑफिसर कमांडर सर्वोत्तम राव हैं. इस संस्था के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में श्री श्री रविशंकर शामिल नहीं है.
- ऐसे में अगर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की तरफ से लगाए गए 5 करोड़ रुपये के हर्जाने को चुकाने में देरी होती है तो श्री श्री रविशंकर नहीं बल्कि राव को जेल जाना होगा.
आर्ट ऑफ लिविंग वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल का आयोजन उसकी सहायक संस्था की तरफ से किया जा रहा है. संस्था का नाम व्यक्ति विकास केंद्र है और यह एक ट्रस्ट है जिसे बोर्ड ऑफ ट्रस्टी चलाते हैं.
हालांकि इस ट्रस्ट के बोर्ड में कहीं भी रविशंकर नहीं हैं. नेवी के रिटायर्ड ऑफिसर कमांडर सर्वोत्तम राव बोर्ड के चेयरमैन हैं. तो अगर आर्ट ऑफ लिविंग नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के 5 करोड़ रुपये के हर्जाने का भुगतान नहीं करती है तो वैसी स्थिति में श्री श्री रविशंकर को नहीं बल्कि राव को जेल जाना पड़ेगा.
फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे में श्री श्री रविशंकर का यह कहना कि वह जुर्माना नहीं भरेंगे, भले ही इसके बदले उन्हें जेल जाना पड़े, का कोई मतलब नहीं बनता है. रजिस्ट्रेशन में दी गई जानकारी के मुताबिक रवि शंकर केंद्र के मुख्य फंक्शनरी हैं लेकिन उनकी वेबसाइट बताती है कि केंद्र का गवर्नेंस ट्रस्टी बोर्ड के हाथों में है.
राव वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल ऑर्गनाइजिंग कमेटी के चेयरमैन भी हैं और अभी तक जो भी मुकदमे दर्ज हुए हैं वह केंद्र के खिलाफ हुए हैं जिसके चेयरमैन राव हैं. हालांकि चौंकाने वाली बात यह है कि राव पूरे मामले में कहीं नजर नहीं आ रहे हैं.
श्री श्री रविशंकर का यह कहना कि वह जुर्माना नहीं भरेंगे, भले ही इसके बदले उन्हें जेल जाना पड़े, का कोई मतलब नहीं बनता है
कैच ने आर्ट ऑफ लिविंग की मीडिया टीम की मदद से राव से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया. केंद्र की वेबसाइट राव के बारे में कुछ चौंकाने वाली जानकारी देती है. राव नेवी से 1989 में रिटायर हुए और वह 1994-2000 के बीच भारत डायनेमिक्स लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर रहे जो कि सरकारी एंटरप्राइज है.
हालांकि केंद्र की वेबसाइट बीडीएल के बारे में यह जानकारी नहीं देती है कि वह डिफेंस के क्षेत्र में काम करने वाली सरकारी कंपनी है जो हथियार और मिसाइल बनाती है. कंपनी मुख्य तौर पर एंटी टैंक मिसाइल और मीडियम रेंज वाली आकाश मिसाइल बनाती है.
बीडीएल की वेबसाइट के मुताबिक राव को विशिष्ट सेवा मेडल भी मिल चुका है. ब्लूमबर्ग एग्जिक्यूटिव प्रोफाइल के मुताबिक राव ने न केवल नेवी में काम किया है बल्कि वह भारत के हथियार के कारखानों में भी काम कर चुके हैं.
राव नेवी के अंडरवाटर मिसाइल बनाने की आरएंडडी विंग में भी काम कर चुके हैं. वह हथियार तकनीक में पोस्ट ग्रेजुएट हैं और वह टारपीडोज पर ट्रेनिंग के सिलसिले में 6 महीने ब्रिटेन में भी रह चुके हैं.
राव का रक्षा क्षेत्र से संबंध जून 2015 तक रहा जब वह जेन टेक्नोलॉजी में स्वतंत्र निदेशक के तौर पर रिटायर हो गए. जेन फायरिंग ग्रेनेड, मिसाइल और बंदूक के लिए सॉफ्टवेयर बनाती है.
तो क्या वह श्री श्री रविशंकर की ढाल बनेंगे?
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First published: 11 March 2016, 14:36 IST