दिल्ली: न्यूनतम वेतन से कम देने पर होगी तीन साल की कैद, राष्ट्रपति ने कानून को दी मंजूरी

दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करने वालों के लिए खुशखबरी है. राष्ट्रपति द्वारा न्यूनतम वेतन संशोधन कानून को मंजूरी दे दी गयी है. दिल्ली विधानसभा में पारित इस संशोधन कानून के द्वारा कारोबारी अपने कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन देने के लिए बाध्य होंगे.
विधानसभा से पारित न्यूनतम वेतन (दिल्ली) संशोधन विधेयक के तहत न्यूनतम मजदूरी नहीं देने वालों बिजनेसमैन पर कानून कार्रवाई करेगा. इस कानून के आधार पर न्यूनतम सैलरी से कम सैलरी देने पर तेन साल की सजा और 20 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा.
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इस नए कानून की जानकारी आम आदमी पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडर से दी. इसी के साथ ट्वीट में पार्टी ने गजेट का पेपर भी जारी किया है.
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— AAP (@AamAadmiParty) May 8, 2018
Delhi Govt's Amendment to Minimum Wages Act, with provision of imprisonment and a fine of Rs.20,000 on employers for not paying minimum wages gets the President's assent. pic.twitter.com/ad7khcKdQo
क्या है नया कानून
नए कानून के तहत दिल्ली में न्यूनतम वेतन 13,896 रुपये हो गया है. राजधानी में अकुशल मजदूरों के लिए 13,896, अर्ध कुशल के लिए 15,296, कुशल के लिए 16,858 रुपये मासिक वेतन तय किया गया.
योग्यता के आधार पर वेतन में भी बदलाव किये हैं जिसमे दसवीं फेल के लिए 15,296, दसवीं पास के लिए 16,858 और ग्रेजुएट एवं ज्यादा शिक्षित के लिए 18,332 रुपये प्रति माह का न्यूनतम वेतन निर्धारित है. ये दरें दिल्ली कैबिनेट द्वारा 25 फरवरी 2017 को लागू की गयी थी.
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इस नए कानून को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''कई महीनों बाद विधेयक को मंजूरी मिली और यह कानून बना है.उम्मीद है कि अब ऐसे नियोक्ताओं पर सख्त कार्रवाई संभव होगी, जो न्यूनतम वेतन नहीं देते हैं.'' केजरीवाल ने आश्वासन दिया की ऐसे पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में दिल्ली विधानसभा ने न्यूनतम वेतन का विधेयक पास किया था. उस समय सरकार का कहना था कि न्यूनतम वेतन न देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का कोई प्रावधान नहीं है. जिसके लिए ये ये विधेयक लाया गया. इसके पहले इस मामले में केवल 500 रुपये जुर्माना और 6 महीने की सजा दी जा सकती थी.
First published: 10 May 2018, 13:27 IST