रिटायर्ड फौजी की मौत पर राजनीति शुरू, राहुल गांधी, मनीष सिसोदिया समेत कई हिरासत में

वन रैंक वन पेंशन की लगातार मांग उठाते हुए 65 वर्षीय रिटायर्ड फौजी सूबेदार राम किशन ग्रेवाल ने मंगलवार को ख़ुदकुशी कर ली. उनकी शव डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अस्पताल में रखा है जहां अब राजनीति शुरू हो गई है. दिल्ली पुलिस को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया समेत कइयों को हिरासत में लेना पड़ गया.
राम किशन अपनी मांग के सिलसिले में रक्षा मंत्री मोहन पर्रिकर से मुलाक़ात कर अपनी शिकायत सौंपना चाहते थे लेकिन नाकाम होने के बाद यह जानलेवा कदम उठा लिया. उन्होंने नई दिल्ली इलाक़े में स्थित ज़वाहर भवन में ज़हर खाकर ख़ुदकुशी की. उन्हें फ़ौरन डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. जवाहर भवन सरकारी इमारत है जिसके भीतर विदेश मंत्रालय का भी दफ़्तर है.
रिटायर्ड सूबेदार राम किशन भिवानी के रहने वाले थे. उन्होंने 30 साल तक भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दीं. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को संबोधित अपनी याचिका में राम किशन ने कहा है कि पिछले साल से ओआरओपी स्कीम लागू होने के बावजूद उन्हें अभी तक बढ़ी हुई पेंशन नहीं मिली है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि राम किशन और मनोहर पर्रिकर के बीच मुलाक़ात का समय पहले से निश्चित नहीं था.
दिल्ली पुलिस का कहना है कि रिटायर्ड फौजी अपने तीन साथियों के साथ दिल्ली में थे लेकिन उन्हें भनक भी नहीं लगी कि राम किशन ख़ुदकुशी के बारे में सोच रहे हैं. राम किशन के परिवार के मुताबिक ज़हर खाने के बाद उन्होंने अपने छोटे बेटे को फोन किया था. न्यूज़ एजेंसी एएनआई से उनके बेटे ने कहा, 'फोन पर उन्होंने कहा कि ओआरओपी पर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी है, इसलिए वह ख़ुदकुशी कर रहे हैं.'
केजरीवाल हमलावर
इस सुसाइड के बाद मोदी सरकार पर हमलावर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक वीडियो अपील के अलावा कई ट्वीट किया, 'मोदी राज में किसान और जवान दोनों आत्महत्या कर रहे हैं.' दिवंगत रामकिशन सोमवार से ही अपने कुछ साथियों के साथ दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे.
मोदी राज में किसान और जवान दोनो आत्महत्या कर रहे हैं। https://t.co/9f5zJDxlZg
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 2, 2016
डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया और आप एमएलए कमांडो सुरेंद्र को हिरासत में लिए जाने के बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया. इसमें लिखा है, 'अगर अपने राज्य में किसी की मौत पर उप मुख्यमंत्री परिवार को सांत्वना देने जाए तो क्या उसे गिरफ़्तार किया जाएगा? गुंडागर्दी की हद है मोदी जी.'
अगर अपने राज्य में किसी की मौत पर उप मुख्यमंत्री परिवार को सांत्वना देने जाए तो क्या उसे गिरफ़्तार किया जाएगा? गुंडागर्दी की हद है मोदी जी।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 2, 2016
Last letter by Subedar Ram Kishan Grewal (rtd) who committed suicide for non compliance of OROP by Govt. pic.twitter.com/CqwqxW1Yxo
— ASHUTOSH MISHRA (@ashu3page) November 2, 2016
सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्विटर पर भी लोगों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. मेहुल चोरड़िया ने ट्वीट किया, "ओआरओपी पर अमल नहीं हुआ है. वरिष्ठ पूर्व सैनिक पिछले 507 दिन से जंतर-मंतर पर धरना देकर ओआरओपी की मांग कर रहे हैं."
पढ़ें: ओआरओपी: दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पूर्व सैनिक ने की खुदकुशी
#OROP is not implemented, veterans sitting on Anshan demanding OROP since last 507 days at Jantar Mantar.
— Mehul Choradiya (@ChoradiyaMehul) November 2, 2016
Dont get fooled. pic.twitter.com/L2HaQXypSI
ट्विटर पर भावतोष सिंह ने लिखा, "दुखद...एक पूर्व सैनिक ने खुदकुशी कर ली, जहां एक साल से ज्यादा अरसे से ओआरओपी की मांग पर प्रदर्शन हो रहा है."
Tragic.. an ex jawan commits suicide at Jantar Mantar where OROP stir is on for over an year. Pix of suicide note. pic.twitter.com/zPDLrTxpXF
— bhavatosh singh (@bhavatoshsingh) November 2, 2016
एक और ट्वीट में लिखा गया, "पीठ थपथपाने वालों, शहीदों को श्रद्धांजलि देने वालों, ओआरओपी के बारे में झूठ बोलने वालों, यह हकीकत है."
For all the chest thumping, for all the 'tributes' paid to soldiers,for all the lies about OROP, this is the REALITY https://t.co/vdXfpSBNQB
— Chirpy 🎅🏼 (@IndianPrism) November 2, 2016
हरियाणा के पूर्व फौजी का सुसाइड
एक तरफ़ अपनी मांग उठाए रिटायर्ड सूबेदार ख़ुदकुशी का शिकार हो गए हैं, वहीं दूसरी तरफ़ सोशल मीडिया में इसपर जमकर राजनीति हो रही है. मृतक फौजी के घरवालों को सांत्वना देने के लिए बड़े-बड़े नेता अस्पताल पहुंच रहे हैं.
वहीं दिल्ली पुलिस को राम किशन के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. वह उसकी सत्यता की जांच में जुट गई है.
First published: 2 November 2016, 11:44 IST