सलाम : बच्चों को स्कूल लाने के लिए ड्राइवर बन गया टीचर, ये थी वजह

एक टीचर और स्टूडेंट्स का रिश्ता मां-बाप के रिश्ते से भी बड़ा माना जाता है. इसीलिए हर इंसान की सफलता के पीछे एक टीचर ही होता है. आज भले ही सरकारी स्कूल के टीचर अक्सर स्कूल से गायब रहते हों, लेकिन कुछ टीचर ऐसे भी हैं जो हर टीचर के लिए एक संदेश देते हैं. ऐसा ही कुछ है कर्नाटक के उडूपि जिले के एक स्कूल में पढ़ाने वाले राजाराम.
राजाराम कर्नाटक के उडूपि जिले के बाराली गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ाते हैं. यही नहीं इन दिनों वो एक ड्राइवर का भी काम बखूबी निभा रहे हैं. ये सब वो पैसे के लिए नहीं कर रहे बल्कि बच्चों को स्कूल लाने के लिए एक ड्राइवर बने हुए हैं. दरअसल, इस गांव के स्कूल में बच्चों को लाने ले जाने के लिए कोई स्कूल बस नहीं थी. इसलिए अधिकांश बच्चों ने स्कूल आना छोड़ दिया था. स्कूल में बस ना होने की वजह से कई मां-बाप भी अपने बच्चों को इस सरकारी स्कूल में नहीं पढ़ाने चाहते थे. एेसे में राजाराम ने खुद इस समस्या का हल निकाल लिया.
राजाराम ने कुछ पुराने छात्रों की मदद से एक बस खरीद ली और खुद ड्राइवर बन गए. पहले बस ड्राइवर को कम से कम 7 हजार रुपये देने पड़ते थे, लेकिन स्कूल इतने रूपये देने में समर्थ नहीं था. इसलिए राजाराम ने खुद ड्राइवर करने की सोच ली. बता दें कि इस सरकारी स्कूल में सिर्फ 4 ही टीचर हैं. राजाराम बताते हैं कि, मेरा घर स्कूल से काफी करीब है. इसलिए मैने सोचा कि ये जिम्मेदारी मुझे ही उठानी चाहिए. इसलिए मैं मिनी बस चलाता हूं. बच्चों की सेफ्टी भी सबसे ज्यादा जरूरी है.
बता दें कि बस आने के बाद स्कूल में बच्चों की संख्या में काफी वृद्धी हुई है. अब बच्चों की संख्या 50 से 90 हो गई है. यही नहीं बस चलाने के बाद राजाराम गणित और विज्ञान भी पढाते हैं. बता दें, स्कूल दूर होने की वजह से और खराब रोड के कारण कुछ बच्चों ने तो स्कूल तक आना बंद कर दिया था. बच्चों को रोज 5 से 6 किलोमीटर पैदल आना पड़ता था.
इस वजह से बच्चे बहुत कमजोर होने लगे थे. स्कूल में अगर बच्चों की संख्या ऐसे ही कम होती रहती तो एक दिन इस स्कूल के बंद करना पड़ता. अब राजाराम स्कूल के बच्चों के सबसे चहेते टीचर बन गए हैं. यही नहीं जब राजाराम स्कूल से छुट्टी लेते हैं तब भी बच्चों के समय पर स्कूल आने का ध्यान रखते हैं.
ये भी पढ़ें- केरल: मुस्लिम लड़की ने माथे पर लगाई बिंदी तो मदरसे ने दी ये सजा
First published: 9 July 2018, 15:41 IST