योगा में डिप्लोमा करने वालों को UGC ने दी बड़ी सौगात

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने फिजियोथेरेपी के ग्रेजुएशन कोर्सेस में योगा का डिप्लोमा रखने वाले उम्मीदवारों को प्राथमिकता देना का निर्णय लिया है. UGC के निर्देशों के मुताबिक योगा में कम से कम 1 साल का डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्राप्त कैंडिडेट्स को एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी.
हालांकि UGC ने साफ तौर पर बताया कि एडमिशन के लिए सभी उम्मीदवारों की योग्यता का मापदंड एक सामान ही होगा. योगा डिप्लोमा धारकों के लिए फिजियोथेरेपी के बैचलर या पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स प्रोग्राम में एडमिशन के लिए योग्यता का कोई अलग पैरामीटर नहीं बनाया गया है.
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गौरतलब है कि मानव संसाधन विभाग (HRD) की पहल पर UGC ने योगा में डिप्लोमा प्राप्त छात्रों को एडमिशन में प्राथमिकता देने के लिए कमेटी बनाई थी. यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने HRD मिनिस्ट्री का लिखित निर्देश सभी यूनिवर्सिटी को भेज दिया है.
इस गाइडलाइन में कहा गया है कि मंत्रालय की सिफारिशों को एडमिशन प्रक्रिया के दौरान फॉलो किया जाए. मंत्रालय द्वारा जारी निर्देश पत्र में बताया गया है कि ''योगा में 1 साल का डिप्लोमा रखने वाले कैंडिडेट्स को एग्जाम में प्राप्त अंको के आधार पर ही प्राथमिकता दी जाए.''
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission), भारत सरकार का एक उपक्रम है जो सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी और संस्थानों को वित्तीय अनुदान प्रदान करता है. यही आयोग विश्वविद्यालयों को भी मान्यता देता है. इसका मुख्यालय नयी दिल्ली में है और इसके 6 रीजनल कार्यालय पुणे, भोपाल, कोलकाता, हैदराबाद, गुवाहाटी एवं बंगलुरु में हैं. साल 1948 में पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अध्यक्षता में यूनिवर्सिटी कमीशन का नीव रखा गया था.
First published: 23 April 2018, 13:47 IST