'आर्टिकल 15' Trailer: 3 रुपये मजदूरी मांगने पर दो बहनों का हुआ गैंगरेप और मर्डर, पेड़ों पर लटकी मिली थी लाश

हमारे देश में सदियों से कई ऐसी कुरीतियां मौजूद हैं जिससे मानवता शर्मशार होती रही है. आजादी के तक़रीबन 72 साल बाद, आज भी ऊंची-नीची जाति के नाम पर लोगों पर अत्याचार किए जाते हैं और उसका सबसे ज्यादा खामियाजा औरतों को भुगतना पड़ा है. भारत के संविधान ने ''आर्टिकल 15'' प्रत्येक नागरिक को ''समानता का अधिकार'' दिया है यानि हरेक कानून ने सभी को बराबरी का दर्जा हासिल है.
'आर्टिकल 15'' का ट्रेलर रिलीज
कहा जाता है कि फ़िल्में हमारे समाज का आईना होता है, बॉलीवुड हमेशा से सामाजिक कुरीतियों पर फिल्मों का निर्माण करते आया है. ऐसी एक फिल्म ''आर्टिकल 15'' को अनुभव सिन्हा ने डायरेक्ट किया है जिसमें समाज में फैले जात-पात के विष को दिखाया जाएगा. ''आर्टिकल 15'' का ट्रेलर आज रिलीज कर दिया गया है.एक्टर आयुष्मान खुराना ने अपने ट्विटर हैंडल पर 'आर्टिकल 15' के ट्रेलर को पोस्ट किया है. आयुष्मान खुराना इसमें IPS अधिकारी की भूमिका में नजर आ रहे हैं.
महज 3 रूपये की दिहाड़ी के लिए गैंगरेप और मर्डर
इस फिल्म की कहानी साल 2014 में हुए बदायूं गैंगरेप पर आधारित है. जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. इसमें दो लड़कियों का मर्डर और गैंगरेप की मार्मिक कहानी है. साल 2014 में उत्तर प्रदेश का बदायूं में दो लड़कियों की लाश पेड़ से लटकी पाई गई थी. 14 और 15 साल की दो चचेरी बहनें 27 मई 2014 की रात अपने घर से लापता हो गई थीं. उनके शव अगले दिन उशैत इलाके के गांव में एक पेड़ से लटकता मिला. कटरा सादतगंज गांव में दो दलित लड़कियों के साथ हुए इस जघन्य अपराध के पीछे ऊंची-नीची जात का मामला था. गांव के ही ऊंची जाति के पांच लड़कों पर इसका आरोप लगा था. महज 3 रूपये की दिहाड़ी को लेकर पूरी जाति को सबक सिखाने के लिए कुकृत्य अंजाम दिया गया था.
First published: 31 May 2019, 14:12 IST