‘शोरगुल’ की रिलीज से पहले बीजेपी विधायक संगीत सोम की चुनौती

तीन साल पहले मुजफ्फरनगर में हुए सांप्रदायिक दंगों पर बनी कथित फिल्म 'शोरगुल' के प्रदर्शन पर मेरठ समेत पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पुलिस को चौकस रहने को कहा गया है. यह फिल्म शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है.
मेरठ रेंज के आईजी सुजीत पांडेय ने गुरुवार को कहा कि फिल्म को लेकर कहीं कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने नहीं दी जाएगी. 'शोरगुल' 2013 में मुजफ्फरनगर के सांप्रदायिक दंगों पर पर आधारित बताई जा रही है. दंगों के दौरान मुस्लिम समुदाय के हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा था.
पश्चिमी यूपी में रिलीज पर संशय
बीजेपी नेता और मेरठ की सरधना सीट से विधायक संगीत सोम ने इस फिल्म के प्रदर्शन का विरोध करने की घोषणा की है. मुजफ्फरनर दंगों में संगीत सोम की भूमिका भी कठघरे में है. उन्हें कवाल कांड का फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था.
बाद में संगीत सोम को जमानत मिल गई थी. संगीत सोम ने कहा, "प्रदेश शासन को चाहिए कि इस फिल्म के प्रदर्शन को रोकने का आदेश दें. अगर ऐसा नहीं होता है, तो फिर उनको ही इस मामले में कुछ करना पड़ेगा."
संगीत सोम ने फिल्म निर्देशक पर आरोप लगाया है कि उन्होंने फिल्म में उदारवादी नेताओं की भूमिका को गलत तरीके से पेश किया है. वहीं मेरठ में भी इस फिल्म के प्रदर्शन को लेकर संशय बना हुआ है.
मेरठ शहर के निशात सिनेमा के मालिक दीपक सेठ के अनुसार पुलिस-प्रशासन सुरक्षा देगा, तभी वह इस फिल्म को रिलीज कर पाएंगे. हाल ही में कैराना में कथित पलायन को लेकर भी संगीत सोम ने प्रशासन को चुनौती देते हुए निर्भय यात्रा निकालने का एलान किया था.
हालांकि धारा 144 लागू होने की वजह से दो किलोमीटर की यात्रा के बाद ही सरधना में उन्हें रोक दिया गया था. संगीत सोम ने राज्य सरकार को 15 दिन के अंदर विस्थापितों को वापस लाने का अल्टीमेटम दिया है.