दीपिका पादुकोण ने बताया कैसे हासिल की डिप्रेशन पर जीत

डिप्रेशन (अवसाद) की शिकार रही फिल्म स्टार दीपिका पादुकोण ने फेसबुक पर बताया है कि उन्होंने इसपर किस तरह से जीत हासिल की.
सोमवार को दीपिका ने अपनी पोस्ट पर लिखा, "जब मैं बड़ी हो रही थी तो मेरे पिता ने मुझसे कहा, 'सबसे बेस्ट बनने के लिए हमेशा तीन डी - डिसिप्लिन (अनुशासन, डेडिकेशन (समर्पण) और डिटरमिनेशन (दृढ़-निश्चय) को हमेशा याद रखना. अपने दिल की सुनें. वहीं करें जिसके लिए आपमें जुनून है."
फिल्मों में आने से पहले दीपिका बैडमिंटन खिलाड़ी थीं. उनके पिता प्रकाश पादुकोण भी मशहूर बैडमिंटन खिलाड़ी रहे हैं. दीपिका के अनुसार खेल की पृष्ठभूमि ने उनकी बुरे वक्त में काफी मदद की.
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उन्होंने लिखा है, "खेल ने मुझे हार को स्वीकार करना सिखाया. इसने मुझे सफलता को भी बरतना सिखाया. इसने मेरे पैर जमीन पर टिकाए रखे. इसने मुझे विनम्र होने का मतलब सिखाया."
बकौल दीपिका वो दो साल पहले डिप्रेशन की शिकार थीं. वो अवसाद में डूबती जा रही थीं और लगभग हार चुकी थीं, लेकिन उनके अंदर के एथलीट ने उन्हें लड़ने की शक्ति और कभी हार न मानने का जज्बा दिया.
दीपिका ने लिखा, "और इसलिए मैं चाहती हूं कि हर लड़की और हर लड़का और हर औरत और मर्द...किसी खेल से जुड़ें...क्योंकि इसने मेरी जिंदगी बदल दी...और ये आपकी भी जिंदगी बदल देगा!"
दीपिका के अनुसार खेल ने उन्हें लड़ना सिखाया, खेल की वजह से ज़िंदगी में कोई भी मुश्किल उन्हें रोक नहीं पाती.
दीपिका ने फेसबुक पर खेल कंपनी नाइक का एक प्रमोशन वीडियो भी जारी किया है.