संजय दत्त रिहाः जेल जाने से लेकर बाहर आने तक का सफर

बॉलीवुड के खलनायक संजय दत्त की पांच साल की सजा बृहस्पतिवार को पूरी हो गई और वो पुणे की यरवदा जेल से रिहा हो गए. उनकी रिहाई रिहाई ने न केवल उनके परिवार बल्कि उनके मित्रों, प्रशंसकों, फिल्म इंडस्ट्री में भी प्रसन्नता बिखेर दी है.
अवैध हथियार रखने के मामले में पांच साल की सजा पूरी कर बृहस्पतिवार को सुबह साढ़े आठ बजे यरवडा जेेल से बाहर निकलने के बाद संजय को लेने के लिए उनकी पत्नी मान्यता दत्त, फिल्म निर्माता राजकुमार हिरानी पहुंचे थे.
उनकी रिहाई से पहले कुछ लोगों ने जेल के बाहर प्रदर्शन भी किया. पुलिस ने इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया. वहीं, संजय की बायोपिक बना रहे राजकुमार हिरानी ने उनके जेल से बाहर निकलते ही शूटिंग शुरू कर दी थी.
संजय के जेल जाने और रिहा होने के बीच दिलचस्प घटनाक्रमः
12 मार्च 1993
महाराष्ट्र के मुंबई में श्रंखलाबद्ध 13 बम धमाके हुए. इनमें 250 लोगों की मौत हो गई और 700 घायल हुए. इन धमाकों केे पीछे दाऊद इब्राहिम और टाइगर मेमन का हाथ था.
19 अप्रैल 1993
आतंकियों से संबंधों और अवैध हथियार रखने के आरोप में संजय दत्त को टेररिस्ट एंड डिसरप्टिव एक्टीविटीज एक्ट (टाडा) के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया. 16 महीने जेल में बिताने के बाद अक्तूबर 1995 में उन्हें जमानत मिली.
नवंबर 1993
बम धमाकों के मामले में 189 आरोपियों के खिलाफ 90 हजार पन्नों की प्राथमिक चार्जशीट पेश की गई. इसमें संजय दत्त का भी नाम शामिल था.
दिसंबर 1995
अक्तूबर में जमानत दिए जाने के बाद संजय दत्त को दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया.
अप्रैल 1997
पुलिस ने एक बार फिर संजय को रिहा किया.
2006
सभी 189 आरोपियों को सजा देने के लिए केस खोला गया.
मार्च 2006
प्रत्यर्पण पर भारत लाए गए अबू सलेम और सह आरोपी रियाज सिद्दकी को हत्यारोपी साबित करने पर अभियोजन ने कहा जनवरी 1993 को सलेम ने संजय दत्त के बांद्रा स्थित मकान में नौ एके-47 राइफल और कुछ हैंड ग्रेनेड पहुंचाए थे.
31 जुलाई 2007
अवैध हथियार रखने के मामले में संजय दत्त को छह साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई. हालांकि संजय को 1993 मुंबई बम धमाकों की आतंकी साजिश के आरोप से बरी कर दिया गया. . संजय को तुरंत हिरासत में लेकर अर्थर रोड जेल ले जाया गया.
2 अगस्त 2007
संजय को मुंबई की अर्थर रोड जेल से पुणे की यरवडा जेल ले जाया गया.
7 अगस्त 2007
संजय दत्त ने सजा के खिलाफ अपील की.
20 अगस्त 2007
सुप्रीम कोर्ट ने संजय को अंतरिम जमानत दे दी. लेकिन उन्हें तब तक रिहा नहीं किया गया जब तक अदालत से जमानत देने के आदेश यरवडा जेल तक नहीं पुहुंचे. यह जमानत तब तक के लिए दी गई थी जब तक उन्हें सजा सुनाने वाली विशेष टाडा अदालत के फैसले की एक कॉपी जेल को नहीं पहुंचती.
23 अगस्त 2007
संजय दत्त को जेल से रिहा कर दिया गया.
22 अक्तूबर 2007
संजय को फिर से जेल भेजा गया लेकिन उन्होंने जमानत के लिए फिर से आवेदन कर दिया.

ट्विटर
27 नवंबर 2007
सुप्रीम कोर्ट ने संजय को जमानत दे दी.
29 अगस्त 2012
करीब 10 माह लंबी सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 1993 मुंबई बम धमाकों के मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. संजय पर अवैध हथियार रखने के आरोप थे.
वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने संजय की ओर से बेंच को बताया कि उनके मुवक्किल ने सितंबर 1992 को हथियार अपने पास रखे थे. क्योंकि उनके पिता सुनील दत्त ने मुंबई दंगों के दौरान मुसलमान पीड़ितों की मदद की थी जिससे वहां के ताकतवर लोग गुस्सा हो गए थे और उन्होंने उनके पिता और बहन को धमकियां देनी शुरू कर दी थीं.
मई 2013
सुप्रीम कोर्ट ने संजय की जेल की सजा को छह साल से घटाकर पांच कर दिया. क्योंकि इससे पहले संजय 18 महीने जेल में बिता चुके थे इसलिए कोर्ट ने उन्हें बाकी बचे साढ़े तीन साल की सजा जेल में काटने का आदेश सुनाया.
25 फरवरी 2016
अपने अच्छे चाल चलन और कैदियों को मिलने वाली सरकारी छुट्टी की वजह से संजय यानी कैदी नंबर 16,656 को करीब साढ़े चार माह पहले ही रिहा कर दिया गया. जेल में रहने के दौरान उन्होंने 440 रुपये की कमाई भी की.